Chandrapur News: आखिरकार हमलावर बाघिन हुई पिंजराबंद , तीन से अधिक गांवों में थी दहशत

आखिरकार हमलावर बाघिन हुई पिंजराबंद , तीन से अधिक गांवों में थी दहशत
  • वनविभाग की टीम लगा रही थी गश्त
  • कई मवेशियों को अपना निवाला बनाया था
  • पिंजराबंद होने से मिली राहत

Chandrapur News पोंभुर्णा तहसील के बोरघाट जंगल परिसर के देवाड़ा बुज.,जुनगांव,पिपरी देशपांडे परिसर में आतंक मचानेवाली बाघिन को पिंजरा बंद करने में वनविभाग को सफलता मिली है। पिछले तीन दिनों से बाघिन पर वनविभाग की नजर थी। पोंभुर्णा वनपरिक्षेत्र अंतर्गत घोसरी उपक्षेत्र के पिपरी देशपांडे,देवाड़ा बुज, जुनगांव इन गांवों के खेत खलिहान में बाघ के हमले का सिलसिला बदस्तूर जारी था। इसमें अनेक लोग घायल हुए। कई मवेशियों को अपना निवाला बनाया। बढ़ती घटनाओं से नागरिकों में दहशत के साथ वनविभाग के प्रति रोष व्यक्त कर रहे थे। यह देखते हुए बाघिन को पिंजराबंद करने के लिए लाइव कैमरे, ट्रैप कैमरे, रैपिड रिस्पॉन्स यूनिट व वनविभाग के अधिकारी व कर्मचारी गश्त पर थे। जहां मंगलवार देर शाम वनविभाग के पिंजरे में बाघिन कैद हुई जिससे नागरिकों ने राहत की सांस ली।

दहशत में कपास चुनना बंद कर दिया था : बता दंे कि, घोसरी उपक्षेत्र के कुछ गांवों के परिसर में बाघ का विचरण था। दिसंबर माह में हमले काफी बढ़ गए थे। सप्ताह भर में बाघ के हमले में दो अलग-अलग गांवों में कपास चुनने कई महिलाओं पर बाघ ने हमला किया था जिससे किसानों में डर बैठकर कपास चुनने का काम बंद कर दिया था। बाघ का बंदोबस्त करने की मांग उठते ही वनविभाग के 35 कर्मचारियों ने गश्त शुरू की।

बोरघाट जंगल समीप व खेत खिलहान में 3 लाइव कैमरेे, 17 ट्रैप कैमरे लगाए। पिपरी देशपांडे, ठाणेवासना माल परिसर में 15 कैमरे लगाए थे। तीन दिन से माॅनीटरिंग के लिए रैपिड रिस्पॉन्स यूनिट ध्यान लगाए बैठी थी। किसानों को कपास चुनने के लिए संरक्षण देने कर्मी कार्यरत थे। जहां बाघिन पकड़े जाने के बाद सभी ने राहत की सांस ली।

Created On :   19 Dec 2024 7:00 PM IST

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