Chandrapur News: रेत बिक्री के लिए बनेगी नई नीति, तब तक नहीं होगी रेत घाटों की नीलामी

रेत बिक्री के लिए बनेगी नई नीति, तब तक नहीं होगी रेत घाटों की नीलामी
  • रेत के दाम छू रहे आसमान
  • अधर में पड़े कई निर्माण कार्य
  • कैसे बने आम आदमी के सपनों का आशियाना

Chandrapur News पिछले तीन वर्ष से चंद्रपुर जिले में रेत घाटों की नीलामी नहीं हुई है। नए वर्ष 2025 के जनवरी में रेत घाटों की नीलामी होने के आसार थे, मात्र नई सरकार, नए कानून के तहत अब जब तक रेत घाटों के संबंध में नई नीतियां नहीं बनेगी तब तक घाटों की नीलामी न करने के आदेश प्रशासन को मंत्रालय से प्राप्त हुए हैं।

पहले ही घाटों की नीलामी नहीं होने के चलते सरकारी निर्माण कार्यों पर असर पड़ रहा है, जबकि अवैध रेत उत्खनन व परिवहन के कारण रेत के भाव आसमान छू रहे हैं। ऐसे में घर बनाना आम आदमी के बस में नहीं रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आम आदमी के सपनों का आशियाना कैसे पूर्ण होगा। सबसे ज्यादा असर घरकुल जैसे योजनाओं पर पड़ रहा है। इसके लिए शासन-प्रशासन की नीतियां ही जिम्मेदार होने की बात कहीं जा रही हंै। साथ ही रेत घाटों की नीलामी नहीं होने के चलते रात-बेरात रेत की तस्करी धड़ल्ले से शुरू है। रोज कहीं न कहीं पुलिस रेत से भरे ट्रैक्टर पकड़ रहे हंै, जबकि प्रशासन के साथ आर्थिक सांठगाठ करने वाले तस्करों के हायवा ट्रक बेखौफ रेत की तस्करी कर रहे हंै। इस कारण सरकार का ही करोड़ों रुपयों का राजस्व डूब रहा है।

2022 में नीलाम हुए थे घाट : जानकारी के अनुसार वर्ष 2022 में चंद्रपुर जिले में करीब 38 घाटों की नीलामी हुई थी। जिससे सरकार को करीब 30 करोड़ रुपए का राजस्व मिला था। 2022 के बाद से जिले में रेत घाटों की नीलामी नहीं हुई है। कई बार रेत घाट धारकों को स्टॉक बचा होने का हवाला देकर कई बार समयावधि बढ़ाकर दी गई। हर वर्ष जनवरी में घाटों की नीलामी होती है और जून तक घाटाें से रेत उत्खनन करनी होती है। उसके बाद बरसात का मौसम शुरू होने पर उत्खनन बंद हो जाता है। सूत्रों के अनुसार इस वर्ष रेत घाटों की नीलामी के लिए प्रशासन ने अत्यंत आवश्यक पर्यावरण मंडल की मंजूरी भी ले ली थी। किंतु सरकार ने नई नीतियां आने तक नीलामी प्रक्रिया को स्थगिति दे दी है।

Created On :   16 Jan 2025 1:18 PM IST

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