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आंगनवाड़ी सहायिका भर्ती में स्थानीय महिलाओं की अनदेखी
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। जिले में आंगनवाड़ी सहायिका भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए मुख्य योग्यता यह है कि महिला स्थानीय होनी चाहिए। ऐसा रहने के बावजूद आर्थिक लेन-देन के चलते बाहर की महिलाअों का चयन करने का आरोप दो महिलाओं ने चंद्रपुर श्रमिक पत्रकार भवन में आयोजित पत्र-परिषद में लगाया। भद्रावती तहसील के ग्राम पंचायत खोकरी और बेलगांव में आंगनवाड़ी सहायिका भर्ती प्रक्रिया चलाई गई। इस भर्ती प्रक्रिया की चयन सूची घोषित की गई है। इसमें स्थानीय महिलाओं को छोड़ उन महिलाओं का चयन किया गया है जो पिछले कई वर्षों से गांव के बाहर बस गई हैं और शादी कर ससुराल चली गई हैं। ऐसा आरोप अन्यायग्रस्त महिला कल्पना बावीस्कर और प्रियंका रूपेश वांढरे इन महिलाओं ने लगाया। कल्पना बावीस्कर तथा रूपा वांढरे की जानकारी अनुसार प्रियंका वांढरे ने सहायिका पद के लिए आवेदन किया था। यहीं उसी जगह उषा गंधारे ने भी आवेदन किया था। लेकिन उषा गंधारे वडाला ग्राम पंचायत घोसारी में रहती हैं। उनका नाम घोसारी की मतदाता सूची में है और उन्होंने वन विभाग से सिलेंडर लिया है। हमने सबूत तहसील कार्यालय को दे दिए हैं। हालांकि नियमों को दरकिनार कर उषा गंधारे का चयन किया गया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस विकल्प के खिलाफ तहसीलदार के पास आपत्ति दर्ज करायी है। बेलगाम की स्थानीय निवासी कल्पना बावीस्कर को प्रतीक्षा सूची में रखा गया था। एक महिला जिसकी शादी हो गई और वह ससुराल चली गई, उसे आंगनवाड़ी सहायिका के रूप में चुना गया। बावीस्कर ने आरोप लगाया कि स्नेहा तुलनकर शादीशुदा थी और नागपुर जिले के उमरेड तहसील के लोहारा में रह रही थी और अवैध रूप से चुनी गई थी। पत्र परिषद में में कल्पना बावीस्कर और प्रियंका वांढरे शामिल थी।
Created On :   16 Aug 2023 3:09 PM IST