लोगों में दहशत: मूल के महाबीज परिसर में बाघ के हमले में फिर एक चरवाहे ने गंवाई जान

मूल के महाबीज परिसर में बाघ के हमले में फिर एक चरवाहे ने गंवाई जान
  • दस दिन में दूसरी बार हुआ हमला
  • हिंसक पशुओं के हमले में 17 लोग गंवा चुके प्राण
  • बकरियों को चराने गया था घर नहीं लौटने पर हुई तलाश

+डिजिटल डेस्क, मूल(चंद्रपुर)। मूल समीप महाबीज परिसर में बाघ के हमले में चरवाहे की मौत हो गई । वनविभाग की टीम ने वनक्षेत्र में जाकर तलाश की तो चरवाहे का शव मिला। मृतक का नाम चिचाला निवासी मुनीम गोलावार (42) है। वह हमेशा की तरह बकरियों को लेकर चराई वन परिक्षेत्र नं. 752 में गया था। उसी वक्त घात लगाए बैठे बाघ ने उस पर हमला कर दिया, जिसमें उसकी मौत हो गई। ज्ञात हो कि 10 अगस्त को तहसील के केलझर निवासी चरवाहे गणपत लक्ष्मण मराठे (60) को बाघ ने अपना शिकार बनाया था। इस घटना के साथ ही जिले में हिंसक पशुअों के हमले में मरने वालों की संख्या 17 हो ग

जानकारी के अनुसार मुनीम रविवार को बकरियों को चराने ले गया था। बकरियां घर लौट आई लेकिन चरवाहा नहीं लौटा, जिससे नागरिकों को घटना की आशंका हुई। इस कारण नागरिकों ने वन विभाग को जानकारी दी। सोमवार सुबह विभागीय वन अधिकारी प्रशांत खाडे, तथा चीचपल्ली (प्रादेशिक) के वन परिक्षेत्र अधिकारी प्रियंका वेलमें के आदेशानुसार क्षेत्र सहायक एम. जी. मस्के, वनरक्षक सुधीर ठाकुर, पवन येसाम्बरे, शीतल चौधरी, शुभांगी गुरूनूले, राकेश गुरुनूले, अति शीघ्र कृति दल के कर्मी,संजीवन पर्यावरण संस्था के उमेश सिंह जीरे, प्रशांत मुत्यारपवार, दिनेश खेवले, अंकुश वाणी, रितेश पिजदुरकर, प्रतीक लेनगुरे, हौशिक मंगर और पूरी टीम ने सुबह 6 बजे तलाश जारी की जिसमें चरवाहे की लाश मिली।

शव पोस्टमार्टम हेतु यहां के उप जिला अस्पताल में भेजा गया। मामले की जांच वन विभाग तथा पुलिस द्वारा की जा रही है। मृतक की पत्नी को वन परिक्षेत्र अधिकारी प्रियंका वेलमें के हाथों 50 हजार रुपए की तत्काल सहायता की गई। इस अवसर पर क्षेत्र सहायक पी.डब्ल्यू.पड़वे, पी.डी.खनके, जानाला के वनरक्षक आर. जे. गुरुनूले, उमेश सिंह जीरे तथा मृतक के परिवार उपस्थित थे। बार-बार हो रहे हमले से ग्रामीणों मे भय का माहौल है। आगे, खेती के काम इस खौफ में कैसे किए जाए यह सवाल बना हुआ है।

बढ़ते जा रहे हिंसक पशुओं के हमले :मूल तहसील के चिचाला में चरवाहे मुनीम रतिराम गोलावार (41) रविवार को वनपरिक्षेत्र चिचपल्ली, उपक्षेत्र मूल के कक्ष 752 में बकरी चराने गया था जहां बाघ ने हमला कर दिया, जिसमें उसकी मौत हो गई। घटना सोमवार की सुबह उजागर हुई है। इसके पूर्व 10 अगस्त को मूल तहसील के केलझर निवासी चरवाहे गणपत लक्ष्मण मराठे (60) को बाघ ने अपना शिकार बनाया था। इस घटना के साथ ही जिले में जनवरी से अब तक बाघ और भालू के हमले में मरने वालों की संख्या 17 हो गई है जिसमें 16 बाघ के हमले में और एक भालू के हमले में मौत है। इस वर्ष जनवरी से अब तक हिंसक पशुओं के हमले में 17 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। वनविभाग की ओर से बार-बार जंगल से सटे परिसर में न जाने की अपील की जाती है। इसके बावजूद अनेक लोग जंगल में जाते हंै। इस वजह से भी जिले में हिंसक पशुओं के हमले में मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।

Created On :   20 Aug 2024 12:35 PM IST

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