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बाघ का विचरण, मुक्ताबाई झरना दस दिन के लिए बंद
डिजिटल डेस्क, चिमूर। तहसील के मुक्ताबाई झरने के पास खेत से एक 60 वर्षीय किसान पर बाघ ने हमला किया, जिसमें उसकी मौत हो गई। तीन दिन पूर्व घटित घटना के बाद से वनविभाग ने झरना परिसर में पर्यटकों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। सुरक्षा की दृष्टि से परिसर में 8 कैमरे लगाकर बाघ पर वनविभाग कड़ी नजर रखे है। तीन दिनों से हो रही बारिश की वजह से मुक्ताबाई झरना बहने लगा, इससे पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही है।
चिमूर तहसील के डोमा गांव के पास जंगल में मुक्ताबाई झरना है। बारिश के बाद लगभग 40 फुट ऊंचाई से झरने का पानी नीचे गिरता है। इसका लुत्फ उठाने के लिए जिले समेत पड़ोसी जिले के हजारों पर्यटक आते है। किंतु इस झरने से 300 मीटर दूरी पर स्थित एक खेत से डोमलू सोनवणे (60) पर बाघ ने हमला करने की घटना से परिसर में दहशत का माहौल है। मुक्ताबाई झरना परिसर में बाघ का विचरण होने से नागरिकों की सुरक्षा की दृष्टि से वनविभाग ने झरना परिसर में पर्यटकों के प्रवेश पर 10 दिनों के लिए बंदी लगा दी है। सोमवार से झरने के मार्ग पर पुलिस बंदोबस्त लगा दिया है। तीन दिनों से हो रही बरसात से लगातार झरने का पानी बह रहा है इसलिए आज भी पर्यटक जाते दिखाई दिए किंतु पुलिस बंदोबस्त की वजह से उन्हे निराश होकर लौटना पड़ा।
चिमूर वनपरिक्षेत्राधिकारी के.बी. देउलकर के अनुसार परिसर में घुम रहा बाघ नर प्राजाति का है उसके लिए चिमूर वनविभाग की टीम लगातार गश्त कर रही है। इस परिसर में 8 कैमरे लगाये है इस माध्यम से लगातार उस पर नजर रखे है। उसे पकड़ने के प्रयास किए जाएंगे। नागरिकों की सुरक्षा की दृष्टि से 0 दिनों के लिए झरने में पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।
Created On :   18 July 2023 7:00 PM IST