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मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री से मांग: शिक्षक संगठन का आरोप, अतिशेष शिक्षकों की भरमार के लिये जिम्मेदार अधिकारियों पर हो कार्यवाही
डिजिटल डेस्क, भोपाल। शासकीय शिक्षक संगठन ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री से मांग की है कि अतिशेष शिक्षकों की भरमार के लिये जिम्मेदार अधिकारीयों पर कार्यवाही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया से बच्चों की पढ़ाई पर विपरीत असर पड़ रहा है तथा शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है। शिक्षक संगठन के सदस्यों ने कहा कि शिक्षा विभाग की विसंगतिपूर्ण अतिशेष प्रक्रिया के समायोजन के नाम पर प्रदेशभर के शिक्षकों को परेशान करने की प्रक्रिया पर रोक लगाकर विसंगतिपूर्ण योजनाओं, नीतिनिर्धारण करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही होनी चाहिए।
संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष उपेन्द्र कौशल का कहना है कि शिक्षा विभाग के माध्यमिक, हाईस्कूल और हायरसैकेण्डरी स्कूलों में विषयवार पद स्वीकृत किये जाते है और स्वीकृत पदों के विरूद्ध शिक्षकों की शालाओं में पदस्थापना होती है तो इन स्कूलों में स्वीकृत पदों के अलावा अधिक संख्या में शिक्षकों की पदस्थापना शिक्षा विभाग के नीतिनिर्धारणकर्ता अधिकारियों द्वारा ही की जाती है तो फिर शालाओं में अतिशेष के नाम पर शिक्षकों को दोषी ठहरा कर परेशान क्यों किया जा रहा है। स्कूलों में स्वीकृत विषयवार पदों पर पदस्थ सीनियर शिक्षकों को अतिशेष की श्रैणी में रखा गया है और पहले से पदस्थ शिक्षक के होते हुए राजनैतिक पहुच और लेनदेन करके स्थानांतरण कराकर अनावश्यक रूप से पदस्थ होने वाले जूनियर शिक्षक को अतिशेष की श्रेणी से मुक्त रखा जाना कही ना कही अधिकारियों की मिलीभगत प्रतीत होता है।
जब रिक्त पद था ही नहीं तो पदस्थ क्यों किया
उन्होंने कहा कि जब स्कूलों मे रिक्त पद ही नही था तो पदस्थ क्यों किया गया जिससे अतिशेष की स्थिति निर्मित हुई। सबसे पहले सरकार को शिक्षा विभाग के ऐसे अधिकारियों को चिंहित करना चाहिए जिनके कारण शिक्षा विभाग में विसंगतिपूर्ण नीतियों के कारण पूरे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खडा हुआ और शिक्षकों में सरकार के प्रति आक्रोश पनप रहा है। विसंगतिपूर्ण योजनाओं और नीति निर्धारण करने वाले अधिकारियों पर सख्त से सख्त कार्यवाही होना चाहिए। जिससे भविष्य में शिक्षाविभाग में ऐसी स्थिति निर्मित ना हो जिससे कि शिक्षा व्यवस्था एवं शिक्षको को परेशान होना पडे़।
Created On :   31 Aug 2024 7:11 PM IST