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वार्षिकोत्सव "AAROHAN": सोशल मीडिया जरूरी, पर जरूरत के हिसाब से रखें दूरी– एडिशनल डीसीपी घनश्याम मालवीय
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- संयुक्त प्रयासों से होगा बच्चों का सर्वांगीण विकास
- सोशल मीडिया जरूरी– एडिशनल डीसीपी घनश्याम मालवीय
- संस्कृति के रंगों में रंगा वार्षिकोत्सव
डिजिटल डेस्क, भोपाल। वर्तमान दौर में मोबाइल फोन और सोशल मीडिया की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो गई है। ऐसे में बच्चों को इससे पूरी तरह दूर रखने की बजाय, इसके सदुपयोग के लिए जागरूक करना आवश्यक है। आने वाले समय में अत्याधुनिक तकनीक की अहमियत और बढ़ेगी, जिसमें मोबाइल और सोशल मीडिया बड़ी भूमिका निभाएंगे। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को इसके उचित उपयोग के लिए प्रेरित करें और इसके सकारात्मक पहलुओं को अपनाने के लिए मार्गदर्शन दें।
यह विचार एडिशनल डीसीपी भोपाल घनश्याम मालवीय ने मंगलवार को रविंद्र भवन में आयोजित किड्जी लांबाखेड़ा और लिटिल मिलेनियम कोलार के वार्षिकोत्सव "AAROHAN" के मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उन्हें शिक्षा के विभिन्न आयामों में दक्ष बनाना आवश्यक है। इंटरनेट और सोशल मीडिया इस दिशा में उपयोगी साधन साबित हो सकते हैं, लेकिन इसके दुष्प्रभावों को लेकर माता-पिता अक्सर चिंतित रहते हैं। जरूरत इस बात की है कि बच्चों को तकनीक का सही उपयोग सिखाया जाए, जिससे वे इसके फायदे उठा सकें और नुकसान से बच सकें।
संस्कृति के रंगों में रंगा वार्षिकोत्सव
वार्षिकोत्सव "AAROHAN" की थीम "कश्मीर टू कन्याकुमारी" थी, जिसके तहत नन्हे कलाकारों ने देश की सांस्कृतिक विविधता, पारंपरिक वेशभूषा और लोक कलाओं का मनमोहक प्रदर्शन किया। बच्चों ने नृत्य, संगीत और नाट्य प्रस्तुतियों के माध्यम से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को सजीव कर दिया। उनके उत्साह और प्रतिभा ने दर्शकों का मन मोह लिया।
इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि कनिका एकेडमी के प्रबंधक अभिषेक कोरबू और चेतना चौहान ने भी शिरकत की और बच्चों को उनकी शानदार प्रस्तुतियों के लिए पुरस्कृत किया।
विद्यालय की प्रबंधक प्रेरणा सिन्हा ने कहा कि बच्चों ने अपनी उत्कृष्ट प्रतिभा का प्रदर्शन कर यह साबित किया है कि वे किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। विद्यालय का उद्देश्य केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों के व्यक्तित्व विकास और विभिन्न कलाओं में निपुण बनाने की दिशा में भी हम निरंतर प्रयासरत हैं।
कार्यक्रम के सफल आयोजन में विद्यालय के शिक्षकों, अभिभावकों और अन्य स्टाफ सदस्यों का भी विशेष योगदान रहा। उन्होंने बच्चों को प्रेरित करने और उनकी प्रतिभा को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
संयुक्त प्रयासों से होगा बच्चों का सर्वांगीण विकास
एडिशनल डीसीपी मालवीय ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि बच्चों को हर क्षेत्र में निपुण बनाने पर जोर देना चाहिए। उन्होंने अभिभावकों को सलाह दी कि वे बच्चों को मोबाइल और सोशल मीडिया से पूरी तरह दूर रखने के बजाय, उन्हें इसके सकारात्मक उपयोग के लिए जागरूक करें। सही मार्गदर्शन से बच्चे आधुनिक तकनीक के माध्यम से नए अवसरों का लाभ उठा सकते हैं और अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकते हैं।
इस भव्य वार्षिकोत्सव ने न केवल बच्चों की प्रतिभा को उजागर किया, बल्कि अभिभावकों और शिक्षकों को भी यह संदेश दिया कि बच्चों के समग्र विकास के लिए शिक्षा, संस्कृति और तकनीक का संतुलित समावेश आवश्यक है।
Created On :   19 Feb 2025 6:40 PM IST