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कहानी पाठ एवं परिचर्चा: मुंशी प्रेमचंद जयंती के उपलक्ष्य में आर एन टी यू एवं एम एल बी कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में हुआ युवाओं द्वारा कहानी पाठ एवं परिचर्चा का आयोजन
- युवाओं द्वारा प्रेमचंद की कहानियों का पाठ भविष्य को लेकर संतोष प्रदान करता है - डॉ सुधीर शर्मा
- ईदगाह तथा पंच परमेश्वर पर युवाओं ने रखे अपने विचार
डिजिटल डेस्क, भोपाल। उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय सेवा योजना एवं हिंदी विभाग रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तथा महारानी लक्ष्मीबाई कन्या महाविद्यालय भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में कहानी पाठ एवं परिचर्चा का आयोजन किया गया। पत्रकारिता के छात्र विकास त्रिवेदी ने पंच परमेश्वर व अंबिका प्रसाद ने ईदगाह कहानी का पाठ किया। जिन पर 10 संस्थाओं के 20 युवाओं ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में हिंदी के वरिष्ठ प्रोफेसर एवं लेखक डॉ सुधीर शर्मा ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद का साहित्य आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना कि 100 साल पहले था।
प्रेमचंद आम आदमी की समस्याओं पर बड़ी बारीकी से मुखर होते हैं और समाज को आईना दिखाते हैं। मुझे खुशी है कि आज भारी बारिश में भी युवाओं ने कहानी पाठ का आयोजन करके चर्चा भी की है। युवाओं का यह जुझारूपन भविष्य को लेकर संतोष प्रदान करता है। वहीं विशिष्ट वक्ता के रूप में प्रेमचंद शरतचंद यादगार समिति की सदस्य सोनम शर्मा ने कहा कि प्रेमचंद सामाजिक क्रांति की चिंगारी बड़े आराम से फूंकते हुए मालूम होते हैं। जिससे समाज का ताना-बाना भी न टूटे और समाज में एक किस्म की हलचल भी पैदा हो जाए।
वहीं कार्यक्रम संयोजक युवा लेखक गब्बर सिंह ने कहा कि प्रेमचंद हमें समाज केंद्रित नागरिक बनाने की कोशिश करते हैं। वर्तमान समय के साहित्य में इस चीज़ की कमी दिखाई देती है। वर्तमान समय का साहित्य आत्ममुग्धता की ओर ले जाता है। प्रेमचंद साहित्य के क्षेत्र के कबीर हैं वो कबीर की भांति समान रूप से सभी धर्मों व वर्गों की बुराईयों पर चोट करते हैं। इस अवसर पर यूथ फॉर सेवा के अतर साहू व युवा लेखिका डॉ मौसमी परिहार ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन सोनिया मीना एवं अविनाश कुमार ने व आभार डॉ रेखा गुप्ता ने किया।
Created On :   7 Aug 2024 8:08 PM IST