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आयकर विभाग के हाथ लगी पूर्व हवलदार की डायरी: अरबपति हवलदार की डायरी से बड़े खुलासे, जांच एजेंसियां सक्रिय
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में अरबों रुपये के काले धन का मामला सामने आया है। आयकर विभाग और केंद्रीय जांच एजेंसियां इस केस की जांच में जुट गई हैं। जानकारी के मुताबिक, आरक्षक सौरभ के जरिए नकद लेन-देन का खेल होता था। सौरभ के साथी का कहना है कि कुल राशि का 90% उच्च अधिकारियों के बीच पद अनुसार बंट जाता था, जबकि वह सिर्फ 10% अपने पास रखता था।
डायरी से चौंकाने वाले खुलासे
सूत्रों के अनुसार, हवलदार सौरभ ने लगभग 600 करोड़ रुपये दुबई में निवेश किए हैं। इसके अलावा, एजेंसियों ने सौरभ के पास से लगभग आधा कुंटल सोना, ढाई कुंटल चांदी, 12 करोड़ रुपये नकद, और अन्य संपत्तिया जप्त की है। यह काली कमाई देखकर एजेंसियां भी हैरान हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि परिवहन विभाग के पूर्व अधिकारियों और उनके दलालों ने भी अरबों रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित की है। पूर्व परिवहन आयुक्त और उनके दलाल के बीच काली कमाई के बंटवारे को लेकर अनबन भी हो गई थी उनके ऑडियो भी सत्ता और संगठन में खूब चर्चा में रहे जिसकी भनक अब तत्कालीन मुख्यमंत्री को लगते ही उन्होंने दोनों पर कार्यवाही के निर्देश भी दिए हैं
अनफिट वाहन और हादसों की दर्दनाक कहानियां
नियमों को ताक पर रखकर अनफिट वाहनों को दौड़ाया गया, जिससे भोली-भाली निर्दोष जनता हादसों की शिकार बनी। लाशों के ढेर लगने पर भी अधिकारियों का दिल नहीं पसीजा। ऐसे हादसों में गुना बस हादसा सबसे दर्दनाक है, जिसमें जिंदा लोग जलकर मर गए थे। और कार्यवाही के नाम पर मात्र परिवहन आयुक्त और कुछ अधिकारियों को स्थानांतरित कर दिया गया अब उन पर FIR और काले धन की वसूली का रास्ता खुल गया है
जांच एजेंसियों को डायरी से पता चला है कि यह लोग काले धन को अर्जित करने और ठिकाने लगाने का काम करते थे। फिलहाल सौरभ, उसके साथी और पूर्व परिवहन आयुक्त का दलाल अभिषेक कुमार फरार हैं। एजेंसियां जल्द ही उनके खिलाफ FIR या नोटिस जारी कर सकती हैं।
इसके अलावा, जांच में बिल्डरों और पूर्व मुख्य सचिव व उनकी पत्नी का नाम भी सामने आया है। आरोप है कि उन्होंने कई बेनामी संपत्तियां खरीदीं और स्टांप ड्यूटी चोरी की। आयकर विभाग को इसके पुख्ता सबूत मिले हैं और जल्द ही और खुलासे होने की संभावना है।
सत्यप्रकाश के मामले में बढ़ी नजदीकी
सौरभ शर्मा की उच्च अधिकारियों और नेताओं के साथ नजदीकी 2021 में तब बढ़ी, जब विभाग के मंत्री और आयुक्त की शिकायतें ऊपर तक पहुंचीं। इस मामले में आयुक्त के पीए सत्यप्रकाश शर्मा और उनके ड्राइवर के खिलाफ क्राइम ब्रांच में मामला दर्ज हुआ था। सत्यप्रकाश का ड्राइवर भी आरोपी है, क्योंकि शिकायतों से जुड़े डाकघर के फुटेज पुलिस को मिले थे। जिसमें सत्य प्रकाश के ड्राइवर के संलग्न होने की प्रमाणिकता स्पष्ट हो गई थी।
मंत्री और अफसरों से संबंधों का फायदा
सत्यप्रकाश पर एफआईआर दर्ज होने के बाद सौरभ ने विभाग के प्रमुख लोगों से करीबी बढ़ाई। इस नजदीकी का फायदा उठाकर उसने नकदी के लेन-देन और काली कमाई के खेल को और मजबूत किया। अब जांच एजेंसियां सौरभ और उससे जुड़े पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही हैं। इस मामले में बड़े नामों के शामिल होने की आशंका है, और जल्द ही और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
बड़ी मछलियों पर शिकंजा कसने की तैयारी
जांच एजेंसियां अब इस पूरे नेटवर्क की बड़ी मछलियों को पकड़ने की तैयारी में हैं। इस मामले से जुड़े हर पहलू की गहराई से जांच की जा रही है। जांच एजेंसियां इस मामले में जल्द ही आरोपियों के खिलाफ FIR या नोटिस जारी करेंगी। इसके साथ ही, बिल्डरों और पूर्व मुख्य सचिव व उनकी पत्नी के बेनामी संपत्तियों की भी जांच हो रही है। आयकर विभाग ने उनके खिलाफ स्टांप ड्यूटी चोरी और अवैध संपत्ति के पुख्ता सबूत जुटाए हैं।
मुख्यमंत्री का सख्त रुख
मुख्यमंत्री ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई का आश्वासन देते हुए कहा, "हमारी सरकार ने आते ही सभी चौकियों पर वसूली पर रोक लगा दी थी। भ्रष्टाचार किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आरोपियों को सख्त सजा दी जाएगी, और ऐसे अपराधियों के साथ कोई रहम नहीं बरता जाएगा।
जुलाई में बंद हुए थे आरटीओ चेकपोस्ट
मोहन सरकार ने एक जुलाई से मप्र की अंतरराज्यीय सीमाओं पर परिवहन जांच चौकियां (RTO चेक पोस्ट) बंद कर दी थी। नई व्यवस्था के तहत रोड सेफ्टी एंड इंफोर्समेंट चेकिंग पॉइंट बनाने की बात कही गई थी। पहले चरण में 45 चेक पॉइंट तैयार होने तक मोबाइल यूनिट गठित कर वाहनों की जांच करने की व्यवस्था शुरू की गई थी।
लोकायुक्त ने इनके खिलाफ दर्ज की एफआईआर
आरोपी सौरभ शर्मा, उसकी पत्नी और मां उसकी सबसे बड़ी राजदार रही हैं। इसी के साथ शरद जयसवाल एवं चेतन सिंह गौर भी उसके सबसे विश्वसनीय हैं। सौरभ सहित पांचों को पूछताछ के लिए समंस सोमवार को जारी किया गया है। में लोकायुक्त की टीम ने जानकारी मांगी है। जानकारी मिलने पर इसे प्रकरण की विवेचना में शामिल किया जाएगा।
Created On :   25 Dec 2024 7:53 PM IST