भोपाल: सिटी प्लानर को जुर्माने का नोटिस मिला तो सुनवाई ट्रांसफर करवाई, फिर भी नहीं मिली राहत

भोपाल: सिटी प्लानर को जुर्माने का नोटिस मिला तो सुनवाई ट्रांसफर करवाई, फिर भी नहीं मिली राहत

डिजिटल डेस्क, भोपाल। राज्य सूचना आयोग ने भोपाल नगर निगम के चीफ सिटी प्लानर नीरज आनंद निखार पर आरटीआई में जानकारी नहीं देने के आरोप में 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। निखार को जुर्माने का नोटिस मिलते ही उन्होंने राहत पाने सुनवाई दूसरी बैंच से करवाने का आग्रह आयोग से किया, जिसे आयोग ने मंजूर तो कर लिया, लेकिन राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह द्वारा लगाए गए जुर्माने को दूसरी बैंच ने भी यथावत रखा।

दरअसल, भोपाल नगर निगम के चीफ सिटी प्लानर नीरज आनंद निखार को राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने जुर्माना लगाया था, जो निखार को रास नहीं आया। उन्होंने प्रकरण की सुनवाई आयोग की दूसरी बैंच में मुख्य सूचना आयुक्त एके शुक्ला के समक्ष करवाने के लिए आग्रह किया था। सुनवाई भी ट्रांसफर हो गई, लेकिन उन्होंने भी राहुल सिंह के जुर्माने संबंधी ऑर्डर को यथावत रखा। वहीं प्रकरण में सिंह द्वारा जारी शोकॉज नोटिस के तथ्यों को सही पाते हुए आयुक्त शुक्ला ने आनंद नीरज लिखार के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के लिए भी आदेश दिया।

भोपाल के आरटीआई आवेदक समीउल्लाह खान नगर निगम के चीफ सिटी प्लानर से भवन अनुज्ञा शाखा द्वारा जारी एक मकान के कंस्ट्रक्शन की एनओसी की जानकारी मांगी थी, जिसे नीरज आनंद निखार ने देने से मना कर दिया यह कहते हुए कि यह मकान मालिक की व्यक्तिगत जानकारी है। इस मामले में अपर आयुक्त नगर निगम शाश्वत मीणा भी जानकारी उपलब्ध कराने के आदेश जारी किए थे लेकिन उनके आदेशों की भी अवहेलना करते हुए लिखार ने जानकारी उपलब्ध नहीं कराई थी। वही दूसरे आरटीआई प्रकरण में समीउल्लाह खान ने एक अतिक्रमण की शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई है उसकी जानकारी मांगी थी यह जानकारी भी चीफ सिटी प्लानर ने समीउल्लाह को उपलब्ध नहीं कराई।

अतिक्रमण की जानकारी को आरटीआई मे रोका नही जा सकता: सिंह

इन दोनों प्रकरणों में स्थिति को साफ करते हुए सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने यह कहा था कि अतिक्रमण की जानकारी को जनहित में दिया जाना चाहिए था वही किसी भी मकान के निर्माण के लिए जारी एनओसी को व्यक्तिगत जानकारी होने के आधार पर नहीं रोका जा सकता है। ये पूरी तरह से जनहित का मुद्दा है और अवैध निर्माण के ऊपर कारवाई शासन नियम और कानून के अनुरूप करता है। सिंह ने यह भी स्पष्ट किया था कि अवैध निर्माण और अतिक्रमण में की गई कार्रवाई को अधिकारियों को स्वत: वेबसाइट पर ही उपलब्ध करा देना चाहिए। ताकि अवैध निर्माण के संबंध में चल रही कार्रवाई में कसावट सुनिश्चित होगी, साथ ही अधिकारियों की जवाबदेही भी बनेगी।

Created On :   31 May 2023 12:32 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story