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सम्मान समारोह: प्रतिष्ठित राष्ट्रीय वनमाली कथा सम्मान समारोह का तीन दिवसीय आयोजन 26 फरवरी से
- प्रतिष्ठित साहित्यकार ममता कालिया के मुख्य आतिथ्य एवं जापान के हिंदी एवं भारतीय भाषा विद्वान पद्मश्री तोमियो मिजोकामी के आत्मीय सान्निध्य में रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित होगा अलंकरण समारोह
- वनमाली कथाशीर्ष सम्मान से मरणोपरांत अलंकृत होंगी वरिष्ठ साहित्यकार स्व. उषा किरण खान (पटना)
- वनमाली राष्ट्रीय कथा सम्मान से अलंकृत होंगे वरिष्ठ कथाकार शिवमूर्ति (लखनऊ)
- वनमाली प्रवासी भारतीय रचनाकार सम्मान से अलंकृत होंगे तेजेन्द्र शर्मा (लंदन)
डिजिटल डेस्क, भोपाल। सुप्रतिष्ठित कथाकार, शिक्षाविद् तथा विचारक स्वर्गीय जगन्नाथ प्रसाद चौबे ‘वनमाली’, के रचनात्मक योगदान और स्मृति को समर्पित संस्थान वनमाली सृजन पीठ, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय एवं आईसेक्ट पब्लिकेशन के द्वारा तीन दिवसीय राष्ट्रीय वनमाली कथा सम्मान समारोह का आयोजन 26 से 28 फरवरी तक रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय परिसर में किया जा रहा है।
इस बार दस अलग-अलग श्रेणियों में रचनाकारों को वनमाली कथा सम्मानों से अलंकृत किया जायेगा जिनमें ‘वनमाली कथाशीर्ष सम्मान’ से सुप्रसिद्ध लेखिका स्व. उषा किरण खान (पटना) को मरणोपरांत सम्मानित किया जाएगा। ‘वनमाली राष्ट्रीय कथा सम्मान’ से वरिष्ठ कथाकार शिवमूर्ति (लखनऊ) को सम्मानित किया जायेगा। दोनों ही रचनाकारों को शॉल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र एवं एक-एक लाख रुपये की सम्मान राशि प्रदान कर अलंकृत किया जायेगा।
‘वनमाली कथा मध्यप्रदेश सम्मान’ वरिष्ठ कथाकार डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी (भोपाल) को, ‘वनमाली युवा कथा सम्मान’ युवा कथाकार आशुतोष (सागर) को, ‘वनमाली कथा आलोचना सम्मान’ आलोचक राकेश बिहारी (प्रयागराज) को, ‘वनमाली कथा पत्रिका सम्मान’ लखनऊ से प्रकाशित चर्चित पत्रिका ‘तद्भव’ को प्रदान किये जायेंगे। ‘वनमाली प्रवासी भारतीय रचनाकार सम्मान’ वरिष्ठ कथाकार तेजेन्द्र शर्मा (लंदन) को और ‘वनमाली कथेतर सम्मान’ अनिल यादव (दिल्ली) को तथा ‘वनमाली विशिष्ट कथा सम्मान’ सुश्री प्रत्यक्षा (दिल्ली) को प्रदान किया जायेगा। इसके अलावा अरविंद मिश्र को ‘वनमाली विज्ञान कथा सम्मान’ प्रदान किया जाएगा इन सभी सम्मानित रचनाकारों को शॉल-श्रीफल प्रशस्ति पत्र एवं इक्यावन-इक्यावन हजार रुपये की सम्मान राशि प्रदान कर अलंकृत किया जाएगा। इस अवसर पर कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिष्ठित साहित्यकार ममता कालिया उपस्थित रहेंगी। इसके अलावा जापान के हिंदी एवं भारतीय भाषा विद्वान पद्मश्री तोमियो मिजोकामी के आत्मीय सान्निध्य में कार्यक्रम का आयोजन होगा। अध्यक्षता संतोष चौबे करेंगे।
वनमाली सृजन पीठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरिष्ठ कवि कथाकार श्री संतोष चौबे ने जानकारी देते हुए कहा कि ‘विश्व रंग’ के अंतर्गत वनमाली सृजन पीठ द्वारा प्रदान किए जाने वाले ‘वनमाली कथा सम्मान’ समकालीन कथा परिदृश्य में लोकतान्त्रिक एवं मानवीय मूल्यों की तलाश में जुटे कथा साहित्य की पुनःप्रतिष्ठा करने एवं उसे समुचित सम्मान प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित द्विवार्षिक पुरस्कार है। अब तक वनमाली कथा सम्मान से भारत के सुप्रतिष्ठित रचनाकारों में शुमार ममता कालिया, चित्र मुद्गल, शशांक, स्वयं प्रकाश, अखिलेश, असगर वजाहत, उदय प्रकाश, मैत्रेयी पुष्पा, प्रभु जोशी, प्रियंवद, गीतांजलि श्री, मनोज रूपड़ा आदि रचनाकारों को अलंकृत किया जा चुका है।
पुस्तक लोकार्पण एवं चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन
कार्यक्रम के पहले दिन आईसेक्ट पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित पुस्तकों की प्रदर्शनी और वनमाली जी के जीवन पर आधारित चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन किया जाएगा। इसके बाद अलंकरण सत्र में वनमाली कथा पत्रिका, वनमाली वार्ता, सहमत, सम्पूर्ण कहानियां वनमाली जी, परंपरा और आधुनिकता, स्मारिका, ब्रोशर का लोकार्पण होगा।
रचनापाठ एवं साहित्य पर विमर्श का आयोजन
समारोह के दूसरे एवं तीसरे दिन रचनापाठ एवं विमर्श के नाम होंगे। इसमें दूसरे दिन सम्मानित रचनाकार अनिल यादव, तेजेन्द्र शर्मा, अरविंद मिश्र, आशुतोष, प्रत्यक्षा, अखिलेश, शिवमूर्ती रचनापाठ करेंगे। इसके बाद दूसरे सत्र में ‘नई सदी की नई कहानी’ पर विमर्श का आयोजन होगा जिसमें रश्मि रावत, राकेश बिहारी, राजकुमार, प्रियम अंकित, राजीव कुमार, विनोद तिवारी हिस्सा लेंगे। वहीं तीसरे दिन कथेतर का रचना विधान विषय पर विमर्श का आयोजन किया जा रहा है जिसमें संतोष चौबे रचना पाठ करेंगे, महेश दर्पण अपनी टिप्पणी रखेंगे और अध्यक्षीय उद्बोधन ममता कालिया द्वारा दिया जाएगा। इसी कड़ी में अगले सत्र में आलोक रंजन, प्रभात रंजन, कबीर संजय, अनिल यादव के वक्तव्य होंगे। अगला सत्र “कहानी का युवा स्वर” होगा जिसमें निहाल पाराशर, सुमेधा अग्रश्री, शहादत खान हिस्सा लेंगे। संतोष चौबे के अध्यक्षीय उद्बोधन होगा।
कबीर गायन, रंग संगीत और नाट्य प्रस्तुति से सजेगा मंच
कार्यक्रम के तहत पहले दिन की शुरुआत पद्मश्री प्रह्लाद सिंह टिपाण्या एवं साथियों के द्वारा कबीर गायन की प्रस्तुति से होगी। फिर शाम के सत्र में टैगोर नाट्य विद्यालय के छात्रों द्वारा होली गीत की प्रस्तुति संतोष कौशिक के निर्देशन में होगी। दूसरे दिन की सांस्कृतिक गतिविधियों में टैगोर नाट्य विद्यालय के छात्रों द्वारा रंग संगीत की प्रस्तुति से शुरुआत होगी। इसके बाद वनमाली जी की कहानियों की नाट्य प्रस्तुति ‘रंगशीर्ष’ को निर्देशक संजय मेहता के निर्देशन में प्रस्तुत किया जाएगा। समापन अवसर पर तीसरे दिन संतोष चौबे की कहानियों की नाट्य प्रस्तुति देवेन्द्रराज अंकुर की संभव संस्था द्वारा दी जाएगी।
Created On :   23 Feb 2024 6:10 PM IST