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भंडारा: विश्वस्तरीय खदान वाली तहसील में मैंग्नीज से जुड़े उद्याेग का अभाव
- खदान का दायर बढ़ा
- केवल ट्रेडिंग व्यवसाय शुरू
डिजिटल डेस्क, तुमसर (भंडारा), महेश गायधने| धान के भंडार गृह के रूप में प्रसिध्द तुमसर तहसील में वैश्विक स्तरिय मैंग्नीज खदान होने के बावजुद भी यहा पर मैंग्नीज से जुड़ा एक भी उद्योग स्थापित नहीं है। यहा केवल मैग्नीज के ट्रेडिंग का व्यवसाय होता है। वहीं दूसरी ओर खदान क्षेत्र के वृध्दि के लिए केंद्र सरकार लगातार अनुमती दे रही है। प्रति वर्ष करोड़ों रुपए का मुनाफा कमाने वाली मैग्नीज खदान विकास स कोरों दूर है।
विश्व में हॉलैंड के पश्चात दूसरी सबसे उच्च दर्जे की ब्रिटिश कालिन खदान तुमसर तहसील में है। इसमें भूमिगत खदान चिखला में तथा डोंगरी बु. में मैंग्नीज खदान है। यह तुमसर तहसील को मिली प्रकृति की सबसे बड़ी देन है। पर रोजगार निर्माण हो ऐसे मैंग्नीज पर आधारित एक भी उद्योग नहीं है। जिससे परिसर विकास से कोसों दूर है। यहा जनप्रतिनिधि की अनदेखी हो रही है। तहसील में रोजगार न होने से मैंग्नीज पर आधारित ट्रैडिंग व्यवसाय में युवा जा रहे हैं।
खदान में स्थानीकों को महत्व नहीं मिलने के आरोप लगते रहते है। यह परिसर सातपुडा पर्वत श्रृंखला से जुडा होकर खदान क्षेत्र से दूर जंगलों में भी मैग्नीज पाया जाता है। जिससे भूगर्भ से मैग्नीज चोरी के मामले सामने आते है।
आदिवासी बहुल परिसर में रोजगार की कमी
तुमसर तहसील में 45 गांव आदिवासी बहुल है। यहा रोजगार उपलब्ध न होने से मजदूरों को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ता है। आदिवासी युवा रोजगार के लिए पलायन करते है। स्थानीकों को रोजगार न मिलने की शिकायत युवाओं द्वारा की जाती है। इस पर जनप्रतिनिधियों की अनदेखी होती है।
खदान का लाभ स्थानियों को नहीं
चिखला व डोंगरी की खदान को प्रति वर्ष करोड़ों रूपयों का नफा होता है। ब्रिटिश कालिन खदान से एक सदी से चल रही है। केंद्र सरकार से खदान क्षेत्र बढाने की अनुमती मांगी गई थी। जिसे हालहि में मंजूरी मिली है। खदान को प्रति वर्ष करोड़ों रूपयों का मुनाफा हो रहा है। इसके लाभ से स्थानीय नागरिक वंचित है। विकास के नाम पर जंगल कटने की संभावना जतायी जा रही है। इस पर राज्य सरकार को ध्यान देने की जरूरत है।
Created On :   16 Oct 2023 4:21 PM IST