- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- भंडारा
- /
- फरवरी माह में ही सूख गई जीवनदायनी...
Bhandara News: फरवरी माह में ही सूख गई जीवनदायनी बावनथड़ी नदी

- रेत उत्खनन से नदी तट पर पड़ गए गड्ढे
- पर्यावरण के साथ हो रहा खिलवाड़
Bhandara News जीवनदायनी समझी जाने वाली बावनथड़ी नदी फरवरी माह में ही सुख गई है। नदी का तट रेगिस्तान की तरह नजर आ रहा है। रेती के उत्खनन से नदी तट पर अनेक गड्ढे पड़ गए हैं। महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश को जोड़ने वाली बावनथड़ी नदी दोनों राज्यों की सीमा तय करती है। बारिश खत्म होते ही नदी तट से अवैध रेत उत्खनन किया जाता है। नदी पर निर्भर अनेक गांवों की पेयजल योजना बंद होने के कगार पर है।
महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश राज्य का बावनथडी नदी पर समान अधिकार है। यह नदी दो राज्यों की जीवनदायनी समझी जाती है। लेकिन गत कुछ वर्षों में नदी का तट पर्यावरण के साथ हो रहे खिलवाड़ को उजागर कर रहा है।
बावनथड़ी नदी में उच्च प्रति की रेती मिलने से यहा पर बड़े संख्या में अवैध तरीके से रेती का उत्खनन किया जाता है। यहा पर लगभग आठ से दस फीट गहराई तक रेत उपलब्ध थी। लेकिन रेत तस्करों ने इस रेत पर हाथ साफ कर लिया। जिला प्रशासन रेती घाटों की नीलामी करता था। पर रेती तस्करों ने रेती घाटों की नीलामी के आड़ में रेती चोरी जारी रखी। बावनथडी नदी सूखने से नदी तट पर निर्भर गांवों की पेयजल योजना बंद होने की कगार पर है। ऐसे में नदी तट पर बसे गांवों में जलसंकट निर्माण होने का खतरा बना हुआ है।
नदी तट पर बसे 48 गांवों की बढ़ी समस्या : जलसंवर्धन व पर्यावरण के रक्षा में नदी का बड़ा योगदान होता है। वैनगंगा व बावनथडी नदी का तट विशाल है। लेकिन रेती उत्खनन से इन नदियों का स्वरूप बदल रहा है। नदी तट पर बसे 48 गांवों को इसके परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। फरवरी माह में नदी तट को रेगिस्तान का स्वरूप प्राप्त हुआ है। आने वाले दिनों जलसंकट के साथ साथ अन्य परेशानी की संभावना बनीं हुई है।
Created On :   21 Feb 2025 12:23 PM IST