‌Bhandara News: लापरवाही : इमारत निर्माण के लिए वनविभाग ने काट दिए 135 पेड़

लापरवाही : इमारत निर्माण के लिए वनविभाग ने काट दिए 135 पेड़
  • नवीनीकरण के नाम पर 135 पेड़ों की चार-पांच दिन पूर्व कटाई
  • 47 सागौन के पेड़ो को भी कर दिया साफ
  • वन विभाग द्वारा पेड़ों की कटाई करने से नाराजगी

Bhandara News अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर वनविभाग व्दारा ही पेड़ों की कटाई की जाती है। ऐसा ही एक मामला भंडारा शहर में हालही में सामने आया है। भंडारा वनविभाग ने इमारत के नवीनीकरण के नाम पर 135 पेड़ों की चार-पांच दिन पूर्व कटाई की है। इसमें 47 सागौन के पेडो़ं का भी समावेश है। इन पेड़ों की कटाई क्यूं की गई? इसके लिए वनविभाग से कितने रुपए का जुर्माना वसूल किया जाए? ऐसा सवाल उपस्थित हो रहा है। पेड़ों का जतन और संरक्षण करना वनविभाग की जिम्मेदारी है। चार महीने पूर्व ही राज्य सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक में वनविभाग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया था। जिसके अनुसार एक पेड़ की कटाई पर 50 हजार रुपए का जुर्माना वसूल किया जाएगा। एक ओर पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने के लिए वनविभाग के व्दारा कड़े नियम लागू किए जा रहे हैं और वनविभाग द्वारा ही पेड़ भी काटे जा रहे हैं।

भंडारा वन प्रकल्प विभागीय इमारत का निर्माण कार्य शुरू है। प्रकल्प विभाग के विभागीय प्रबंधक ने जून महीने में नप में पेड़ काटने के लिए पत्र दिया था। पत्र के अनुसार इस परिसर के पेडो़ं से प्रशासकीय इमारत के नवीनीकरण के काम में समस्या निर्माण हो रही थी। अनेक पेड़ कार्यालय की सुरक्षा दीवार एवं इमारत पर झुके हुए होने का कारण बताने पर नगर परिषद ने 4 जुलाई को 135 पेड़ों की कटाई करने के लिए मंजूरी दी। इसमें कशिया के 55 पेड़, सागौन के 47 पेड़, इसके अलावा नीम, जामून जैसे विविध कुल 135 पेड़ों का समावेश हैं। किंतु प्रत्यक्ष में जायजा लेने के पश्चात कटाई किए गए पेड़ जर्जर नहीं हुए थे या उनसे कोई समस्या भी नहीं थी।

नवीनीकरण किए जानेवाले इमारत से यह पेड़ दूर है और सुरक्षा दीवार को पेड़ों से नुकसान होने पर पेड़ों की कटाई के बजाए टहनियों की कटाई का विकल्प था। ऐसा होते हुए भी वनविभाग ने पेड़ों की कटाई क्यूं की? ऐसा सवाल उपस्थित हो रहा है। कटाई किए गए पेड़ों की लकड़ियां परिसर में सभी ओर बिखरी पड़ी है। इस विषय में वर्क ऑर्डर की प्रति देने के लिए विभाग व्दारा टालमटोल किया जा रहा है। पेड़ो़ं के कटाई की मंजूरी देने वाले नगर परिषद ने भी मंजूरी देने के पूर्व प्रत्यक्ष जायजा लेना जरूरी नहीं समझा।

मैपिंग के आधुनिक मशीनंे उपलब्ध होते हुए भी मशीन का उपयोग कर किस जगह पर कितने और कौन से पेड़ हैं, इसकी जानकारी संकलित करना सरल होते हुए भी नगर परिषद ने लापरवाही कर मंजूरी दी। एक ओर प्रकृति का संतुलन बनाए रखने और पर्यावरण संरक्षण के लिए राज्य सरकार व्दारा करोड़ों रुपए की निधि खर्च कर पौधारोपण करने समेत विविध उपायोजनाओं पर जोर दिया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर वनविभाग के व्दारा पेडो की कटाई की जा रही है।


Created On :   3 Dec 2024 2:53 PM IST

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