Bhandara News: भंडारा जिले में पेयजल संकट से निपटने के लिए खर्च होंगे 6.24 करोड़

भंडारा जिले में पेयजल संकट से निपटने के लिए खर्च होंगे 6.24 करोड़
  • 422 गांवों में ठोस उपाययोजना करने की तैयारी
  • तीन स्तरों पर किया नियोजन

Bhandara News जिले में ग्रीष्मकाल के दौरान पेयजल संकट निर्माण होने की संभावना को देखते हुए वर्ष 2024-25 इस वर्ष के लिए जिला परिषद के पेयजलापूर्ति विभाग ने नियोजन किया है। इसके तहत अप्रैल से जून तक निर्माण होने वाले जलसंकट के लिए पूर्व तैयारी की जाएगी। इसमें 422 गांवों के लिए 529 काम प्रस्तावित है। इसके लिए कुल 6.24 करोड़ का खर्च अपेक्षित है। ग्रीष्मकाल को कुछ दिन बाकी है। लेकिन काम की शुरुआत नहीं हुई है।

पेयजल किल्लत की कमी से निपटने के लिए तीन स्तरों का नियोजन किया है। जनवरी से मार्च, अप्रैल से जून तथा अक्टूबर से दिसंबर ऐसे तीन चरणों में काम किया जाता है। भूजल सर्वेक्षण विभाग द्वारा तैयार किए गए नियोजन पर प्रतिक्रिया ली जाती है। विभागीय आयुक्त के हस्ताक्षर के पश्चात उसे अंतिम रूप दिया जाता है। कृति नियोजन मंजूरी के लिए जिलाधिकारी के पास भेजा गया है। ऐसे में प्रत्यक्ष कामों की शुरुआत नहीं हुई है।

पेयजल किल्लत पर मात करने के लिए छह से सात माह का नियोजन किया जाता है। जिलाधिकारी के मान्यता के बाद यह नियोजन मंजूर किया जाता है। टैंकर, अस्थायी पेयजल योजना, कुएं, नए कुएं, सरकारी कुएं से मिट्‌टी व गाद निकालने आदि का समावेश है। इसके लिए प्रत्येक गांव के ग्रामसभा में मांग अनुसार ग्रीष्मकाल अथवा ग्रीष्मकाल के अंत में पानी की मांग अनुसार जिला परिषद में दर्ज किया जाता है।

नियोजन पर अमल में देरी : ग्रीष्मकाल में पेयजल की किल्लत को ध्यान में रखते हुए कुछ उपाय किए जा रहे हंै। जिले में गोसीखुर्द प्रकल्प के साथ बड़े, मध्यम एवं लघु प्रकल्प है। इस वर्ष पर्याप्त बारिश के चलते जलाशयों में भरपूर पानी है। ग्रीष्मकाल में धान फसलों को भी पानी छोड़ा जा रहा है। ग्रीष्मकाल में पेयजल किल्लत से निपटने के लिए शासन नियोजन करता है। लेकिन प्रत्यक्ष में अमल नहीं किए जाने से अनेक स्थानों पर जलसंकट निर्माण होता है।

25 गांवों में होती है पानी की किल्लत : जिले के 25 गांवों में प्रति वर्ष जल किल्लत होती है। भंडारा शहर में भी कुछ कॉलोनियों में टैंकर से जलापूर्ति होती है। मार्च माह शुरू होते ही पेयजल संकट निर्माण होने लगता है। ग्रीष्मकाल में अनेक गांवों में जलसंकट निर्माण हो जाता है।

गत वर्ष 3 करोड़ 23 लाख किए थे खर्च : वर्ष 2023-24 में कृति नियोजन के अनुसार 340 गांवों में 472 कामों का नियोजन किया गया था। इसके लिए तीन करोड़ 23 लाख 56 हजार रुपयों के खर्च का प्रावधान किया गया। वर्ष 2024-25 के लिए 422 गांवों में 529 कामों का समावेश है। इसके लिए कुल 624.42 लाख का नियोजन किया गया।


Created On :   15 Feb 2025 4:11 PM IST

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