Ballarapur News: बल्लारपुर - ब्रह्मपुरी की वीआईपी सीट पर टिकीं राज्य की निगाहें, दांव पर दोनों नेताओं की प्रतिष्ठा

बल्लारपुर - ब्रह्मपुरी की वीआईपी सीट पर टिकीं राज्य की निगाहें, दांव पर दोनों नेताओं की प्रतिष्ठा
  • बल्लारपुर में त्रिकोणीय मुकाबला
  • मुनगंटीवार विकास के दम पर 7वीं बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे

Ballarpur News : चंद्रपुर जिले की दो वीआईपी सीट बल्लारपुर और ब्रह्मपुरी पर संपूर्ण राज्य की निगाहें गड़ी हुई हैं। जब से बल्लारपुर विधानसभा क्षेत्र बना है तबसे लगातार तीन बार से भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के कैबिनेट मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ही जीतते आ रहे हैं। इस बार फिर बल्लारपुर से वे चौथी बार चुनाव मैदान में उतरे हैं। वहीं उनके सामने पहली बार विस चुनाव में उतरे कांग्रेस के संतोषसिंह रावत और कांग्रेस की बागी निर्दलीय प्रत्याशी डा.अभिलाषा गावतुरे उन्हें चुनौती दे रहे हैं। दूसरी ओर ब्रह्मपुरी क्षेत्र से लगातार दो चुनाव जीतनेवाले राज्य के विपक्ष नेता विजय वडेट्टीवार भी जीत की हैट्रिक लगाने के लिए मैदान डटे हुए हंै। जबकि उनका जीत का विजयरथ रोकने के लिए इस बार भाजपा ने कुणबी समाज के प्रत्याशी कृष्णा सहारे को मैदान में उतारा है। कृष्णा सहारे पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस इन दोनों मुख्य दलों के कद्दावर नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। चुनाव में दोनों नेता विकास कार्यों के दम पर वोट मांग रहे हैं। कई विकास कार्य हुए भी हैं। तो कहीं कुछ कमी भी रह गई है। स्थानीय नागरिकों की अलग-अलग समस्याएं हैं।

ब्रह्मपुरी में सीधी टक्कर

ब्रह्मपुरी विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो 13 उम्मीदवारों का भाग्य 2 लाख 75 हजार 666 मतदाताओं के हाथ में है। यहां कांग्रेस के उम्मीदवार विजय वडेट्टीवार और भाजपा उम्मीदवार कृष्णलाल सहारे के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिल रहा है। ब्रह्मपुरी में भाजपा ने कुणबी अस्त्र निकाला है जिससे सहारे के लिए कुणबी समाज एकजुट होने के आसार नजर आ रहे हैं। इसके चलते कांग्रेस के स्टार प्रचारक विजय वडेट्टीवार अधिक ध्यान अपने निर्वाचन क्षेत्र पर दे रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस में गुटबाजी भी अभी थमी नहीं है। सितंबर माह में ही विजय वडेट्टीवार की प्रतिद्वंदी चंद्रपुर की सांसद प्रतिभा धानोरकर ने वडेट्टीवार के मतदाता क्षेत्र में कुणबी समाज के सम्मेलन में कहा था कि, जिसकी जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी होनी चाहिए। इसलिए चुनाव में कुणबी समाज के व्यक्ति को ही चुनकर लाने की बात कही थी, चाहे वह किसी भी पार्टी का हो। यह कहकर अप्रत्यक्ष रूप से उन्होंने वडेट्टीवार को पराजित करने की अपील कर दी थी। उस समय सभा में उपस्थित भाजपा के फुंके ने भी चुनाव में भाजपा कुणबी समाज के व्यक्ति को ही टिकट देने की बात कही थी। हालांकि वडेट्टीवार और धानोरकर के विवाद में वरिष्ठ नेताओं ने मध्यस्थता की और दोनों को एक मंच पर ले आए थे। किंतु विधानसभा चुनाव में अब तक ना प्रतिभा धानोरकर ब्रह्मपुरी निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार के लिए गई और ना ही वडेट्टीवार वरोरा में सांसद प्रतिभाताई धानोरकर के भाई काकडे के प्रचार के लिए गए। बता दंे कि, ब्रह्मपुरी में कुणबी समाज बड़ी संख्या में है। साथ ही दलित व अन्य समाज की भी अच्छी खासी तादाद है। वडेट्टीवार वर्ष 2014 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हंै। तीसरी बार भी वे अपने विकास कार्यों के बल पर वोट मांग रहे हैं।

बल्लारपुर में त्रिकोणीय मुकाबला

बल्लारपुर क्षेत्र में सर्वाधिक 20 उम्मीदवार चुनाव मैदान में खड़े हैं। लेकिन यहां मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार नजर आ रहे हंै। बल्लारपुर के 3 लाख 12 हजार 355 मतदाता इन उम्मीदवारों का भाग्य तय करेंगे। चंद्रपुर क्षेत्र एससी कैटेगिरी के लिए आरक्षित होने के बाद लगातार तीन चुनाव जीतनेवाले मुनगंटीवार को बल्लारपुर विधानसभा क्षेत्र में स्थानांतरित होना पड़ा। वे वर्ष 2009, 2014 और 2019 इस प्रकार लगातार तीनों चुनाव जीतते आए और अभी चौथी बार फिर मैदान में हैं। किंतु इस वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में मुनगंटीवार को उनके बल्लारपुर क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार के मुकाबले कम वोट मिले थे। चंद्रपुर लोस क्षेत्र में सर्वत्र कांग्रेस को बढ़त मिलने से कांग्रेसियों के हौसले बुलंद हैं। ऐसे में इस चुनाव में कांग्रेस ने वडेट्टीवार समर्थक सहकार क्षेत्र के संतोषसिंह रावत को मैदान में उतारा है। तो दूसरी ओर कांग्रेस की बागी निर्दलीय उम्मीदवार डा.अभिलाषा गावतुरे की ओर सभी की निगाहें लगी हुई हैं। इसके अलावा कांग्रेस के बागी प्रकाश पाटील मारकवार भी चुनाव मैदान में हंै। बल्लारपुर क्षेत्र में कुणबी, माली, तेली समाज की संख्या बहुतायत में है। ऐसे में उनके मैदान में होने से वोटों के बंटवारे का महाविकास आघाड़ी को नुकसान उठाना पड़ सकता है, ऐसा जानकारों का मानना है।

मुनगंटीवार विकास के दम पर 7वीं बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। किंतु कुछ महीने पहले लोकसभा चुनाव में मिली हार के चलते फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं। उनके विरोधी प्रत्याशी विकास न होने की बात कह रहे हैं, तो दूसरी ओर मुनगंटीवार अपने कार्यो की सूची पढ़कर बता रहे हैं।

Created On :   19 Nov 2024 5:51 PM IST

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