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छत्रपति संभाजीनगर: खंडपीठ ने जाति वैधता जांच समिति के दो अधिकारियों को लगाई 5-5 हजार कॉस्ट
- जाति प्रमाण-पत्र जांच करने का प्रकरण
- सहायक अभियंता की सेवा समाप्त
- सेवा समाप्त नहीं करने का आदेश खंडपीठ ने दिया था
डिजिटल डेस्क, छत्रपति संभाजीनगर। अनुसूचित जनजाति प्रमाण-पत्र समिति ने महावितरण सेवा में पदभार संभालनेवाले सहायक अभियंता के प्रस्ताव का समय पर निपटारा नहीं किया। इस कारण सेवा समाप्त की गई। समिति के पास प्रस्ताव लंबित होने पर सेवा समाप्त नहीं करने का आदेश खंडपीठ ने दिया था।
समिति का प्रस्ताव 31 मार्च, 2024 तक निपटारा करने का आदेश खंडपीठ ने सुनवाई में दिया था। खंडपीठ के आदेश की अवमानना होने से जांच समिति के सह आयुक्त, उपसंचालक और संशोधन अधिकारी पर पांच-पांच हजार रुपए की कॉस्ट लगाई गई है। कॉस्ट की राशि खंडपीठ वकील संघ को देने का आदेश न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे व न्यायमूर्ति आर.एम. जोशी की पीठ ने दिया है।
निलंजय माधवराव येडपलवार का जाति प्रमाण-पत्र अनुसूचित जनजाति प्रमाण-पत्र जांच समिति के पास 30 सितंबर, 2019 से लंबित था। याचिकाकर्ता की सहायक अभियंता के रूप में महावितरण में नियुक्ति हुई थी। जांच समिति का वैधता प्रमाण-पत्र मिलने के लिए एडवोकेट चंद्रकांत थोरात के जरिए खंडपीठ में याचिका दायर की थी।
9 जनवरी को खंडपीठ में हुई सुनवाई में वैधता प्रमाण-पत्र पर 31 मार्च तक निर्णय लेने का आदेश दिया था। खंडपीठ का आदेश होने पर भी जांच समिति ने निर्णय नहीं लिया।
वैधता प्रमाण-पत्र के अभाव में महावितरण ने 1 अप्रैल को येडपलवार की सेवाएं समाप्त कर दीं। इसके खिलाफ उसने खंडपीठ में गुहार लगाई। समिति के पास वैधता संबंधी का प्रस्ताव लंबित होने पर सेवा से नहीं हटाने के स्पष्ट निर्देश खंडपीठ में लाकर दिए गए। खंडपीठ ने जांच समिति पर ठीकरा फोड़कर संबंधित उम्मीदवार की सेवा स्थायी करने का आदेश दिया। 30 जून तक संबंधित उम्मीदवार के प्रस्ताव का निपटारा करने के निर्देश दिए।
Created On :   25 April 2024 4:38 PM IST