चिंता: मेलघाट के 500 गांवों में गहरा सकता है जलसंकट

मेलघाट के 500 गांवों में गहरा सकता है जलसंकट
टैंकरों की संख्या बढ़ाई जाएगी, 86 निजी कुओं का होगा अधिग्रहण

डिजिटल डेस्क, अमरावती। इस वर्ष देरी से शुरू हुआ मानसून सितंबर के दूसरे सप्ताह से ही लौट गया। मानसून में औसत की तुलना में मात्र 74 प्रतिशत बारिश होने से अमरावती जिले के ग्रामीण क्षेत्र में इस वर्ष नवंबर से ही जलसंकट गहराने की आशंका है। मेलघाट के चिखलदरा और धारणी तहसील के लगभग 500 गावों में जलसंकट गहराने की आशंका के चलते जिला परिषद का ग्रामीण जलापूर्ति विभाग नियोजन में लगा हुआ है। करीब 30 टैंकर की जलापूर्ति के लिए व्यवस्था की जाएगी और 86 निजी कुओं का अधिग्रहण किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि हर वर्ष ग्रामीण क्षेत्र में जलसंकट के निवारण हेतु तीन चरणों में प्रारुप तैयार किया जाता है। अक्टूबर से दिसंबर, जनवरी से मार्च और अप्रैल से जून में ऐसा नियोजन रहता है। किंतु इस बार 26 प्रतिशत बारिश कम होने के कारण जलसंकट और अधिक गहराने की आशंका के चलते जिला परिषद के ग्रामीण जलापूर्ति विभाग इसके नियोजन में लगा हुआ है। पिछले वर्ष मेलघाट के 200 के करीब गांवों में जनवरी से टैंकर से जलापूर्ति की गई। पिछले वर्ष चांदुर रेलवे तहसील के दो गांव और मेलघाट के 200 गांवों में जल किल्लत निर्माण होने से 11 टैंकर से नियमित जलापूर्ति की जा रही थी और 86 कुएं का अधिग्रहण किया गया था। किंतु इस वर्ष मात्र 74 प्रतिशत बारिश होने के कारण नवंबर के अंत से ही जलसंकट गहराने की आशंका जिला परिषद ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अधिकारी सुनील जाधव ने व्यक्त की। उन्होंने बताया कि इस बार जलसंकट से जूझनेवाले गांवों का आंकड़ा 500 के करीब जा सकता है। जिससे टैंकरों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी और वर्तमान स्थिति में पंचायत समिति निहाय निजी कुओं की जानकारी ली जा रही है। अगले 6 दिनों में जलसंकट का निवारण करने के उद्देश्य से नियोजनबध्द कार्यक्रम बनाया जाएगा।


Created On :   25 Oct 2023 4:18 PM IST

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