फसल नुकसान: अमरावती में आठ एकड़ में लगी कपास की फसल पर चला दिया रोटावेटर

अमरावती में आठ एकड़ में लगी कपास की फसल पर चला दिया रोटावेटर
  • लागत खर्च भी वसूल नहीं होने से निर्णय
  • अत्यधिक बारिश से गलने लगी फसल को नष्ट करना जरूरी समझा
  • कपास के चारों ओर गाजर घास उग आई

डिजिटल डेस्क, अंजनगांव सुर्जी (अमरावती)। खेत में फसल से अधिक गांजर घास बढ़ने के साथ पत्ते व फूल गलने के चलते सिर्फ पौधे शेष रह जाने के कारण लागत खर्च भी वसूल नहीं हो पाई। आखिरकार किसान ने आठ एकड़ में कपास की फसल पर रोटा वेटर चला दिया। तहसील के खेल कृष्णाजी में सर्वे नंबर 86/87 में किसान मो.सिद्धीक मो.सादिक ने यह कदम उठाकर कपास की फसल नष्ट कर देने में ही भलाई समझी।

अंजनगांव सुर्जी तहसील की पहचान कॉटन हब के रूप में है। तहसील के अधिकांश किसान खेतों में कपास की बुआई करतेे है। इस वर्ष अत्यधिक बारिश से कपास की फसल को नुकसान पहुंचा है। फूल, पत्ते व बोंड आने के समय बारिश ने पूरी फसल चौपट कर दी। कपास के चारों ओर गांजर घास उग आई। इसकी सफाई के लिए मजदूरी देना भी महंगा साबित हो रहा क्योंकि कपास के सिर्फ पौधे शेष रह गए हैं। बोंड व फूल गल गए हंै। इस कारण लागत खर्च नहीं निकल पाने की चिंता में हैं।

मो. सिद्दीक ने अपने आठ एकड़ क्षेत्र में कपास की फसल पर ट्रैक्टर व रोटा वेटर चलाकर इसे नष्ट करने में ही भलाई समझी। कपास के साथ ही आंतरिक तुअर फसल पर भी रोटा वेटर चला दिया। 32 हजार रुपए के बीज, बुआई का खर्च 12 हजार रुपए किया था। मशागत के लिए 30 हजार रुपए व अन्य मजदूरी खर्च 30 हजार रुपए लगा लेकिन लागत खर्च निकलना मुश्किल हो जाने से रबी सीजन में और नुकसान सहन ना करना पड़े, इसका विचार कर कपास फसल को नष्ट करने का निर्णय लिये जाने की जानकारी इस किसान ने दैनिक भास्कर को दी।

सरकार दें मुआवजा : अत्यधिक बारिश के कारण खेतों में कपास फसल के आस-पास घास उग आई है। इससे कपास का उत्पादन प्रभावित हो गया है। लागत खर्च वसूल नहीं हो पाने से रोटा वेटर चलाकर नष्ट करना ही जरूरी समझा। राज्य सरकार प्रभावित किसानों को मुआवजा दे। -मो. सिद्दीक, किसान

Created On :   13 Sept 2024 6:20 AM GMT

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