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सजगता: अमरावती में एक और बालिका वधू बनने से बची, सरपंच और सचिव ने रुकवाया बाल विवाह
- शादी मंडप पहुंचे घराती और बराती वापस लौटे
- पुलिस को सामने देख सिट्टी पिट्टी हुई गुम
- दस्तावेजों में भी त्रुटियां आई सामने
डिजिटल डेस्क, वरूड (अमरावती) । सरपंच और ग्राम सचिव द्वारा बरती गई सतर्कता के कारण गांव में बाल विवाह होते होते रह गया। घटना गणेशपुर जामठी की है। पार्टनर के साथ भावी जिंदगी के सपने देख रहे थे कि अचानक नाबालिग दुल्हन की वजह से शादी रद्द हो गई। गणेशपुर (जामठी) के विट्ठल मंदिर में जैसे ही दुल्हन की उम्र 16 साल 4 दिन होने की खबर मिली तो वर पक्ष ने शादी समारोह रद्द कर दिया। सरपंच सचिव विट्ठल मंदिर पहुंचे और कहा कि बाल विवाह हो रहा है, जो कानूनन अपराध है।
जानकारी के मुताबिक आर्वी के तलेगांव (शामजीपंत) की नाबालिग दुल्हन की शादी वरूड तहसील के गणेशपुर के युवक के साथ होने वाली थी।1 मई को गणेशपुर के विठ्ठल मंदिर में वरपक्ष ने तैयारी और आयोजन किया गया था। सभी आमंत्रित मित्र-परिवार समेत शादी में शामिल हुए। दूल्हे को हल्दी लगी। शाम 6:29 बजे होने वाली शादी में दुल्हन के नाबालिग होने की खबर मिलते ही सरपंच वर्षा मोरे, ग्राम सचिव सतीश गिरी, पुलिस पाटील गजानन नंदनवार दूल्हे के घर पहुंचे।
जैसे ही दूल्हा-दुल्हन के परिजनों को पता चला कि यह नाबालिग लड़की है तो उन्होंने पहले तो सबूत मांगा, लेकिन स्कूल की टीसी, जन्मतिथि और आधार कार्ड दिखाया, जिसमें उम्र बढ़ी हुई थी। लेकिन सचिव द्वारा मूल जन्मतिथि प्रमाणपत्र दिखाने के बाद दोनों पक्षों ने शादी रद्द कर दी और कहा कि बाल विवाह रोकथाम अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है। सचिव ने समूह विकास अधिकारी वरुड को एक रिपोर्ट सौंपी और बाल विवाह को रोका। इससे शादी की खुशी कुछ समय में ही मायूसी में बदल गई। माजरा समझ में आने के बाद आमंत्रित भी चुपचाप चलते बने।
Created On :   3 May 2024 10:45 AM GMT