जलसंकट: 28 करोड़ की योजना, फिर भी पानी के लिए जंगल में भटक रहे आदिवासी

28 करोड़ की योजना, फिर भी पानी के लिए जंगल में भटक रहे आदिवासी
  • चारों गांव गंभीर जल संकट से जूझ रहे
  • टैंकरों से पानी की आपूर्ति शुरू
  • लाखों रुपए करने पड़ रहे खर्च

डिजिटल डेस्क, अचलपुर(अमरावती)। जलापूर्ति योजना की पाइप लाइन बिछाने के काम का ठेका लेने वाले ठेकेदार की मनमानी के कारण जिले के दुर्गम शाहपुर सहित लवादा, आलाडोह और मोथा इन चार गांवों में जल संकट उत्पन्न हो गया है। सरकार ने यह काम पूर्ण करने के लिए नियम व शर्तों के अनुसार मार्च 2024 तक उक्त चारों गांवों में पेयजल उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौंपी थी, लेकिन मई माह बीत जाने के बाद भी किसी भी गांव में लोगों तक पानी नहीं पहुंच पाया है। जिससे उक्त चारों गांव गंभीर जल संकट से जूझ रहे हैं। गांव वासियों की प्यास बुझाने के लिए टैंकरों से पानी की आपूर्ति शुरू है। दूसरी ओर पानी की कमी के कारण स्थानीय आदिवासियों को जंगल-जंगल भटकना पड़ रहा है। जिला प्रशासन को टैंकरों पर लाखों रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।

बागलिंगा बांध से उपसा जलसंचन योजना के तहत चिखलदरा तहसील के चार गांव शाहपुर, लवादा, आलादोह और मोथा गांव की प्यास बुझाने के लिए यह जलापूर्ति योजना बनाई है। यह चारों गांव चिखलदरा शहर से सटे हैं, इसलिए चिखलदरा शहर को भी इस योजना का लाभ होगा। यहां उल्लेखनीय है कि उक्त काम का ठेका निविदा मूल्य से 10 प्रतिशत अतिरिक्त दर पर दिया गया है, जिससे कार्य बाधित न हो। इससे सरकारी खजाने पर भी करोड़ों रुपये का वित्तीय बोझ पड़ा है। जिस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए क्षेत्र के विधायक राजकुमार पटेल ने कार्यकारी अभियंता मजीप्रा को पत्र लिखकर उक्त ठेकेदार पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

विधायक के साथ बैठक जल्द : हमारे कार्यालय को विधायक पटेल की शिकायत मिली है, और इस संबंध में हम जल्द ही उनके साथ बैठक करेंगे। ठेकेदार के काम में देरी के कारण चार गांवों को पानी की आपूर्ति नहीं हो पाई है, यह सही है। हमने भी बार-बार ठेकेदार को पत्र देकर काम जल्द पूर्ण करने कहा है। -सत्तेन पाटील, अभियंता, मजीप्रा

जख्मों पर नमक छिड़का : शिव कंस्ट्रक्शन कंपनी ने नियम व शर्तों का उल्लंघन कर मेलघाट विधानसभा क्षेत्र के लोगों के जख्मों पर नमक छिड़का है। मेलघाट पहले से ही पानी की भारी कमी से जूझ रहा है। पानी की कमी को दूर करने के लिए 28 करोड़ रुपये की लागत से विशेष जलापूर्ति योजना बनायी गयी थी, लेकिन ठेकेदार की मनमानी के कारण वह योजना खटाई में पड़ी है। -राजकुमार पटेल, विधायक, मेलघाट


Created On :   1 Jun 2024 4:10 PM IST

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