बढ़ा सिरदर्द: अपना ही पैैसा बैंक से नहीं निकाल पा रहे खाताधारक,ग्राहक हलाकान, बैंक अधिकारी परेशान

अपना ही पैैसा बैंक से नहीं निकाल पा रहे खाताधारक,ग्राहक हलाकान, बैंक अधिकारी परेशान
  • लाड़ली बहन योजना सहित विभिन्न योजनाओं के कारण पहले ही परेशान हैं बैंक कर्मी
  • सीकेवाईसी के अभाव में हजारों लोगों के खातों को फ्रीज किया गया
  • काम धंधे छोड़कर बैंक के चक्कर लगाकर हो रहे परेशान

सुभाष दुबे , अमरावती। शहर तथा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक में खाता निकालना कईयों के लिए सिरदर्द जैसा बन गया है। हर साल उस ग्राहक को जहां आधार कार्ड और पैन कार्ड देना पड़ता है, वहीं दूसरी ओर भारत सरकार द्वारा 2016 में लाई गई सीकेवाईसी यानी सेंट्रल नो योर कस्टमर ग्राहकों के लिए जहां मुसीबत बन रहा है, वहीं दूसरी ओर रोज बैंकों में अधिकारी और ग्राहकों में विवाद वाली स्थिति पैदा हो गई है। बैंक अधिकारी पहले ही लाड़ली बहन योजना सहित विभिन्न योजनाओं के कारण बैंक में उमड़ने वाली भीड़ से परेशान हैं, ऐसे में सीकेवाईसी के अभाव में हजारों लोगों के खातों को फ्रीज किया गया है। ऐसे ग्राहकों का गुस्सा भी बैंक प्रबंधक तथा कर्मचारियों पर उतर रहा है। कभी सर्वर डाउन तो कभी बिजली की समस्या इसे और गंभीर बना रही है। सेंट्रल नो योर कस्टमर भारत में वित्तीय क्षेत्र के लिए ग्राहक पहचान जानकारी का एक केंद्रीकृत भंडार है। भारत सरकार ने 2016 में पेश किया था। इसका क्या लाभ है यह तो ग्राहक तथा बैंक नहीं जानती लेकिन यह प्रक्रिया बैंकों के साथ ही ग्राहकों के लिए सिरदर्द बन गई है। इसके कारण विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंकों के ग्राहकों में नाराजी व्याप्त है।

ग्राहकों से रोज हुज्जत : दैनिक भास्कर ने जब एक बैंक में घंटेभर रूक कर सच्चाई जानने का प्रयास किया तो इस बैंक में सैकड़ों ग्राहक उमड़े हैं। यहां पैसे निकालने के लिए पेंशनर सहित आए कई ग्राहकों के खाते होल्ड अथवा सीज किए पाए गए। एक बुजुर्ग सेवानिवृत्त अधिकारी ने पत्नी बीमार रहने और पैसे की सख्त जरूरत रहने की बात कही लेकिन बैंक प्रबंधक द्वारा उन्हें सीकेवाईसी होने तक भुगतान में असमर्थता जताई। इसको लेकर दोनों में हुज्जत भी हुई। यह स्थित लगभग सभी बैंकों की है। इससे बैंक अधिकारियों को भी काम करने में दिक्कत हो रही है।

बैंकों की भूमिका नहीं : सीकेवाईसी केन्द्र सरकार द्वारा संचालित पोर्टल है। इसके अमल की जिम्मेदारी बैंकों पर डाली गई है। आधार कार्ड तथा पैनकार्ड में थोड़ा भी अंतर नाम, जन्म तारीख को लेकर होने पर यह नहीं होता है। इसमें बैंकों की कोई भूमिका नहीं रहने की बात नाम नहीं छापने की शर्त पर एक राष्ट्रीयकृत बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया। ग्राहकों को बैंक द्वारा जिस तरह से मार्गदर्शन किया जाता है, उसके मुताबिक करने से यह काम होने की बात कही। सभी बैंकों द्वारा ग्राहकों को अपने स्तर से समझाने का प्रयास किया जाता है।

सीकेवाईसी आवेदन पत्र : सीकेवाईसी आवेदन के साथ पासपोर्ट आकार की तस्वीरों की प्रतियां, पैनकार्ड, आधार कार्ड देना जरूरी हुआ है। आधार कार्ड और पैन कार्ड में नाम के साथ ही जन्मतिथि समान होनी चाहिए। पहले कई लोगों द्वारा बनाए गए आधार कार्ड में नाम पूरा और पैन कार्ड में शार्ट में नाम लिखा होता था। लेकिन इतना रहने पर सीकेवायसी रिजेक्ट कर रहा है।


Created On :   9 Sept 2024 9:23 AM GMT

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