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आक्रोश: अमरावती के अंजनगांव में प्रतिबंधित एचटीबीटी कपास की बुआई कर जताया रोष
- एचटीबीटी किस्मों को किसानों के लिए बताया फायदेमंद
- किसान संघ ने किया सविनय अवज्ञा आंदोलन
- सरकार का विरोध कर बैन हटाने की मांग
डिजिटल डेस्क, अंजनगांव सुर्जी (अमरावती)। अंजनगांव किसान संघ द्वारा प्रतिबंधित एचटीबीटी कपास की बुआई कर सविनय अवज्ञा आंदोलन किया गया। जिसके तहत स्वतंत्र भारत पार्टी के तहसील अध्यक्ष गजानन पाटिल दुधाट के खेत में एचटीबीटी कपास लगाकर सरकार की किसान विरोधी नीति का निषेध किया। किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित बहाले ने इस सविनय अवज्ञा आंदोलन का नेतृत्व किया।
किसानों के लिए फायदेमंद एचटीबीटी किस्में बहुत कम लागत और अधिक उपज देने वाली हैं। जिसमें खाद डालने की आवश्यकता नहीं है, और यह न्यूनतम कीटनाशक के छिड़काव में ही भरपूर फसल देती है। लेकिन सरकार ने एचटीबीटी कपास और जीएम सोयाबीन पर प्रतिबंध लगाया हैं। यह सरकार की किसानों के प्रति उदासीनता का उदाहरण है। आंदोलन में सतीश देशमुख, माधव गावंडे, संजय हाडोले, मनोहर रेचे, सुनील पाटील साबले, रवींद्र सिंह ठाकुर, विष्णू कालमेघ, अशोक राणे, देविदास पाटील ढोक, अशोक गीते, ओमप्रकाश मुरतकर, मधु मोरे, किशोर पाटील कालमेघ, अरुण गोंडचोर ,ज्ञानेश्वर वानखडे, मोहन पाटील ठाकरे, गणेश अरबट ,बालू देशमुख, अनिल पाटील आडे, संजय हिंगे, गुणवंत गीते और अन्य किसानों ने भाग लिया।
किसान बुआई की जल्दी न करें : जिले में मानसून ने दस्तक तो दे दी हैं, लेकिन अभी तक बुआई योग्य बारिश नहीं हुई हैं। इसलिए किसान खरीफ फसलों की बुआई में जल्दबाजी न करें। यह सलाह कृषि विशेषज्ञों द्वारा किसानों को दी जा रही हैं। जब तक 100 मिलीमीटर बारिश नहीं होती, तब तक बुआई नहीं करने की अपील कृषि विशेषज्ञों और कृषि विभाग द्वारा की गई हैं। जिले के सभी तहसील में किसानों ने खरीफ पूर्व मशक्कत के काम पूर्ण कर लिए हंै। अधिकांश किसानों ने बुआई करने बीज, खाद, दवाइयां आदि की खरीदी भी कर रखी हैं। वहीं जिले में मानसून की बारिश बरसना तो शुरू हुआ लेकिन अभी जितनी बारिश हुई है वह बारिश बुआई योग्य नहीं हैं। उधर मानसून के आगमन की गति भी कमजोर पड़ी हैं। आगामी दिनों में मानसून रफ्तार पकड़ सकता हैं। यह निरीक्षण कृषि तज्ञ मौसम विशेषज्ञ डॉ. अनिल बंड ने दर्ज कराया हैं। जिससे जिले के जिस हिस्से में अच्छी बारिश हुई हैं, और जमीन में पर्याप्त नमी हैं उस क्षेत्र के किसान यदि उनके पास समय पर फसल को देने कुएं का पानी उपलब्ध हैं। बुआई की जल्दबाजी करना नुकसानदेह साबित हो सकता हैं।
Created On :   18 Jun 2024 3:48 PM IST