Amravati News: अमरावती में जंगली सुअरों के लिए बिछाए देसी बम से फटा गाय का जबड़ा

अमरावती में जंगली सुअरों के लिए बिछाए देसी बम से फटा गाय का जबड़ा
  • एक माह में तीसरी घटना
  • पहले भी हौ चुकी है इसी तरह की घटना

Amravati News अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र के तहत पिछले एक माह में देसी बम चबाने से तीन गौवंश के जबड़े फटने की घटनाएं सामने आई हंै। जिससे यह बात स्पष्ट होती है कि घुमंतू बेड़े के आसपास के क्षेत्रों में वन्य प्राणियों की शिकार के लिए देसी बम बिछाए जा रहे हैं। इसी तरह की एक और घटना 30 मार्च को सुबह 11.30 बजे नांदगांव पेठ एमआईडीसी के श्राफ कंपनी के निकट खुली जगह में हुई।

जानकारी के अनुसार पिंपल विहिर स्थित सावर्डी के जलकुंभ के पास रहनेवाला जुबेर खान सिराज खान के पास 20 गाय और 15 भैंसे है। उन्हें चराने के लिए उसका मजदूर जानवरों को लेकर श्राफ कंपनी के पास की खुली जगह में ले जाता है। 30 मार्च को सुबह 11.30 बजे जुबेर खान की लाल रंग की जर्सी गाय ने देसी बम खाने से उसका जबड़ा फटने से खून बहने लगा। इस बाबत की जानकारी निलेश कालकर के फोन से बाल्या पवार ने जुबेर खान को दी। जुबेर खान और उसके पिता सिराज खान यह मौके पर पहुंचे। उन्होंने आसपास में जब पूछताछ की। तब बताया गया कि 29 मार्च की शाम 5 बजे के दौरान पिंपल विहिरगांव में रहनेवाले किशोर भोसले ने जंगली सुअर का शिकार करने वहां देसी बम बिछाकर रखे थे। यही देसी बम खाने से जुबेर खान की गाय का जबड़ा फट गया।

इससे पहले भी दो गाय हो चुकी जख्मी : एक माह में नांदगांव पेठ एमआईडीसी में रविवार को घटित हुई यह घटना तीसरी है। इससे पहले मार्डी रोड पर बिछाए गए। देसी बम खाने से एक गाय जख्मी हुई थी। वहीं उससे पहले भी पोहरा मार्ग पर भी ऐसी एक घटना सामने आई थी। विशेष यह कि इन तीनों जगहों पर भी तेंदुए का अस्तित्व है।

क्षेत्र में हिरण और तेंदुओं का भी अस्तित्व : रहाटगांव से आगे नए एक्सप्रेस हाईवे को लगकर पंजाबराव कृषि विद्यापीठ की काफी जगह है। यह जगह रहाटगांव से लेकर उधर आगे कांता नगर स्थित न्यायाधीश बंगले तक फैली हुई है और इस क्षेत्र में तेंदुए का भी अस्तित्व है। साथ ही यहां निलगाय, हिरण, जंगली सुअर आदि की बड़ी मात्रा में संख्या रहने से यहां रहनेवाले तेंदुओं को आसानी से उनका शिकार उपलब्ध होता है। लेकिन जंगली सुअर का शिकार करने बिछाए गए देसी बम के चलते भविष्य में यहां किसी तेंदुए अथवा हिरण का भी शिकार होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

Created On :   1 April 2025 6:20 PM IST

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