माइक्रो इरिगेशन के तहत 5 साल में 100 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य : तोमर

Target for 100 lakh hectare in 5 years under micro irrigation: Tomar
माइक्रो इरिगेशन के तहत 5 साल में 100 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य : तोमर
माइक्रो इरिगेशन के तहत 5 साल में 100 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य : तोमर
हाईलाइट
  • माइक्रो इरिगेशन के तहत 5 साल में 100 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य : तोमर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, 9 सितम्बर (आईएएनएस)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार ने पांच साल में सूक्ष्म सिंचाई (माइक्रो इरिगेशन) के तहत 100 लाख हेक्टेयर भूमि कवर करने का लक्ष्य रखा है।

मोदी सरकार कम पानी का उपयोग करके फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए माइक्रो इरिगेशन पर ज्यादा जोर दे रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने यहां माइक्रो इरिगेशन पर आयोजित एक वेबिनार में बताया कि वर्ष 2019-20 में देश के 11 लाख किसानों ने ड्रिप एवं स्प्रिंकलर पद्धति का फायदा उठाया। उन्होंने बताया कि माइक्रो इरिगेशन फंड कॉर्पस की स्टियरिंग कमेटी व नाबार्ड ने राज्यों में 3,805.67 करोड़ रुपये ऋण की परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनका क्षेत्र कवरेज 12.53 लाख हेक्टेयर है।

तोमर ने कहा कि संबंधित विभागों/मंत्रालयों, राज्य कार्यान्वयन एजेंसियों, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली विनिमार्ताओं/आपूर्तिकतार्ओं जैसे विभिन्न हितधारकों के समन्वित एवं एकीकृत प्रयास से 100 लाख हेक्टेयर भूमि को कवर करने का लक्ष्य प्राप्त करने में सहायता मिलेगी और कृषक समुदाय के लाभ के लिए सूक्ष्म सिंचाई का कवरेज और अधिक बढ़ जाएगा।

ड्रिप व स्प्रिंकलर सिस्टम स्थापित करने पर जोर देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, कृषि के लिए जल आवश्यक इनपुट है और सतत कृषि विकास एवं खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जल के विवेकपूर्ण उपयोग का विशेष महत्व है, इसलिए अनुकूलतम फसल पद्धति अपनाने तथा पानी का समुचित उपयोग करने के साथ-साथ उपलब्ध जल संसाधनों का दक्षता के साथ इस्तेमाल करने की जरूरत है। ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई सहित आधुनिक सिंचाई पद्धतियां ऐसे स्थानों पर काफी मददगार साबित हुई हैं, जहां जरूरत के मुताबिक जल का उपयोग करते हुए फसलें उगाई जाती हैं।

तोमर ने कहा कि फसलों का उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने के साथ ही लागत कम करना भी जरूरी है, इसलिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड की योजना मिशन मोड पर चल रही है जिससे निश्चित रूप से पानी व केमिकल की बचत होगी और मृदा स्वास्थ्य बढ़ाने में भी कामयाबी मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से चल रहे कार्यक्रमों का लाभ भी किसानों को मिल रहा है और योजनाओं के क्रियान्वयन में राज्यों का भी अच्छा सहयोग मिल रहा है।

कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री परषोत्तम रूपाला और कैलाश चौधरी के अलावा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। इस मौके पर रूपाला और चौधरी के साथ-साथ नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद्र और कृषि मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल, राज्यों के प्रमुख सचिव (कृषि) तथा अन्य विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किए।

 

 

Created On :   9 Sept 2020 4:31 PM IST

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