बैंक घोटालों में कर्मियों की संलिप्तता के स्वामी के दावे पर आरबीआई ने कहा- भ्रामक और अप्रमाणित

Swamys claim of employees being involved in bank scams, says RBI: Misleading and unproven
बैंक घोटालों में कर्मियों की संलिप्तता के स्वामी के दावे पर आरबीआई ने कहा- भ्रामक और अप्रमाणित
आरबीआई बैंक घोटालों में कर्मियों की संलिप्तता के स्वामी के दावे पर आरबीआई ने कहा- भ्रामक और अप्रमाणित
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  • बैंक घोटालों में कर्मियों की संलिप्तता के स्वामी के दावे पर आरबीआई ने कहा : भ्रामक और अप्रमाणित

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि विभिन्न बैंक घोटालों में उसके अधिकारियों की कथित भूमिका की जांच की मांग वाली भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका भ्रामक और अप्रमाणित है। आरबीआई ने शीर्ष अदालत में दायर हलफनामे में कहा : याचिकाकर्ताओं द्वारा घोटालों को आरबीआई के अधिकारियों से जोड़ने की कोशिश करने वाले दावे भ्रामक हैं और याचिकाकर्ताओं द्वारा सबूत के अभाव में गैर-प्रमाणित हैं। आरबीआई के पास किसी कर्मचारी के आचरण की जांच करने के लिए आंतरिक तंत्र/ढांचा है, यदि कोई विशिष्ट आरोप हैं, या उसके कार्यो या चूक के संबंध में सबूत हैं।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल अक्टूबर में याचिका पर सीबीआई और आरबीआई से जवाब मांगा था। केंद्रीय बैंक ने आगे कहा कि स्वामी की याचिका चरित्रहीन है और तथ्यों के साथ-साथ लागू कानून की पूरी गलतफहमी पर आधारित है और शीर्ष अदालत से इसे खारिज करने की मांग की गई। इसने कहा कि याचिकाकर्ता के पास याचिका दायर करने का कोई अधिकार नहीं है और यह तथ्यात्मक और कानूनी अशुद्धियों से भरा हुआ है।

आरबीआई के हलफनामे में कहा गया है, याचिकाकर्ताओं ने इस संबंध में कोई सबूत या विशिष्ट आरोप प्रस्तुत नहीं किया है और केवल उत्तर देने वाले प्रतिवादी की पूरी संस्था के खिलाफ अस्पष्ट आरोप लगाए हैं। याचिका के अवलोकन से पता चलता है कि यह भौतिक विवरणों से रहित है, और कानून की प्रक्रिया का घोर दुरुपयोग और कीमती न्यायिक समय की बबार्दी होने के अलावा, बिना तथ्यों पर आधारित है।

हलफनामे में कहा, आरबीआई के पास केंद्रीय सतर्कता सेल (सीवीसी) भी है जो कर्मचारियों के आचरण की देखरेख करता है। इसके अलावा, यह स्पष्ट है कि किसी व्यक्ति, आरबीआई अधिकारी या किसी को भी भूमिका की जांच करने के लिए प्रथम दृष्टया सबूत होना चाहिए। यह जांच एजेंसियों पर है कि वह निर्धारित प्रक्रियाओं और लागू कानून के अनुसार जांच करें।

इसने आगे कहा, जनहित याचिका में संदर्भित अधिकांश घोटालों की पहले से ही सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच की जा रही है। यह याचिकाकर्ताओं का काम नहीं है कि वह जांच के क्रम को निर्देशित करें और उन पहलुओं को तय करें जिनका पालन कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा किया जाना है। विभिन्न बैंकिंग घोटालों में आरबीआई अधिकारियों की कथित भूमिका की जांच की मांग करने वाली स्वामी की याचिका पर आरबीआई की यह प्रतिक्रिया आई है। शीर्ष अदालत ने बुधवार को स्वामी को हलफनामे पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया।

सोर्सः आईएएनएस

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Created On :   5 Jan 2023 12:31 AM IST

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