पीएमसी बैंक के सस्पेंडेड एमडी गिरफ्तार, राकेश और सारंग वधावन की कस्टडी बढ़ी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। संकटग्रस्त पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस को शुक्रवार को मुंबई पुलिस ने 4,355 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार कर लिया। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को घोटाले के बारे में तब पता चला था जब थॉमस ने सेंट्रेल बैंक को पत्र लिखकर इस बारे में बताया।
इससे पहले गुरुवार को मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने संबंधित घोटाले में एचडीआईएल (हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) के दो प्रमोटरों, राकेश वधावन और उनके बेटे सारंग वधावन को गिरफ्तार किया था। शुक्रवार को दोनों को मुंबई की एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया जिसके बाद उनकी नौ अक्टूबर तक रिमांड बढ़ा दी गई।
ईओडब्लू ने दावा किया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि बैंक के साफ्टवेयर के साथ कुछ छेड़छाड की गई थी ताकि 44 खातों को छुपाया जा सके। इन खातों का संबंध एचडीआईएल से संबंधित होने की आशंका लग रही है। आवेदन में कहा गया कि कर्ज की सार्वाधिकर रकम आरोपी के खाते में जमा की गई है। इसके अलावा संदिग्ध खातों के कर्ज को लेकर जान बूझकर कुछ चुनिंदा कर्मचारियों को चुना गया था जो बैंक के पूर्व निदेशक जॉय थॉमस के करीबी थे।
सुनवाई के दौरान वधावन की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने कहा कि उनके मुवक्किल को पुलिस हिरासत में न भेजा जाए वे कर्ज की रकम लौटाने को तैयार हैं। पुलिस हिरासत में भेजने से कर्ज अदायगी की प्रक्रिया प्रभावित होगी। जबकि सरकारी वकील ने इसका विरोध किया। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद मजिस्ट्रेट ने आरोपियों को पुलिस हिरासत में भेजना जरुरी माना और उन्हें नौ अक्टूबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया।
बता दें कि पीएमसी बैंक ने अनियमितता बरतते हुए एचडीआईएल को हजारों करोड़ रुपए का लोन बांटा था इसके कारण कम से 4,355 करोड़ रुपए का लोन डूब जाने का अनुमान है। बैंक के कर्मचारियों ने एचडीआईएल के खाते को एनपीए घोषित करने से बचाए रखने के लिए कई डमी अकाउंट्स का इस्तेमाल किया था।
बैंक के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर जॉय थॉमस ने अपनी एक चिट्ठी में कहा था कि उन्होंने 2008 से बैंक के लार्ज एक्सपोजर पर RBI को रिपोर्ट करना बंद कर दिया था। ऐसा उन्होंने रेपुटेशनल रिस्क के कारण किया था। 2011 तक बैंक में HDIL का एक्सपोजर 1,020 करोड़ रुपये (144 मिलियन डॉलर) था, जोकि बैंक के टोटल एडवांसेज 2000 करोड़ के आधे से ज्यादा था। RBI सिंगल बॉरोवर को कुल के पांचवे हिस्से से ज्यादा एक्सपोजर देने तक सीमित करता है, लेकिन बैंक ने इसका पालन नहीं किया।
जॉय थॉमस ने अपनी चिट्ठी में माना था कि एचडीआईएल समूह को दिया गया लोन 19 सितंबर 2019 को 6,500 करोड़ रुपए से अधिक था, जो 19 सितंबर 2019 तक बैंक के 8,880 करोड़ रुपए के कुल लोन का 73 प्रतिशत है।’ थॉमस ने पत्र में यह भी स्वीकार किया था कि बैंक का कुल एनपीए 60 से 70 प्रतिशत है।
Created On :   4 Oct 2019 10:02 PM IST