प्रॉपर्टी: एसबीआई ने स्ट्रेस्ड रियल एस्टेट फंड के लिए 4 एप्लिकेशन को मंजूरी दी

SBI arm clears 4 applications for stressed real estate fund
प्रॉपर्टी: एसबीआई ने स्ट्रेस्ड रियल एस्टेट फंड के लिए 4 एप्लिकेशन को मंजूरी दी
प्रॉपर्टी: एसबीआई ने स्ट्रेस्ड रियल एस्टेट फंड के लिए 4 एप्लिकेशन को मंजूरी दी
हाईलाइट
  • SBICAP वेंचर्स ने अधूरी पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए चार आवेदनों को मंजूरी दे दी
  • इन चारों को परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 25-25 करोड़ रुपए दिए जाएंगे
  • केंद्र सरकार ने 25
  • 000 करोड़ रुपये का एक विशेष फंड बनाया था

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। SBICAP वेंचर्स ने अधूरी पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए पहले बैच के चार आवेदनों को मंजूरी दे दी है। इन चारों को परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 25-25 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। केंद्र सरकार ने अधूरी पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 25,000 करोड़ रुपये का एक विशेष फंड बनाया था जिसके तहत यह राशि जारी की जा रही है। इस फंड को मैनेज करने की जिम्मेदारी SBICAP वेंचर्स के पास है।

SBICAP वेंचर्स को मिले 100 से ज्यादा प्रस्ताव
एक बैंकिंग सोर्स के अनुसार, 31 दिसंबर तक SBICAP वेंचर्स को 100 से ज्यादा प्रस्ताव मिल चुके हैं। मामले की अर्जेंसी को देखते हुए कर्मचारी ओवरटाइम कर रहे हैं। SBICAP वेंचर्स ने लेंडिंग रेट 15% तय किया है। एआईएफ फंड को एस्क्रो खाते के माध्यम से चरणों में जारी किया जाएगा। हर एक चरण के पूरा होने के बाद राशि जारी की जाएगी। सॉवरेन और पेंशन फंडों का पैसा लगाने के बाद एआईएफ की राशि में आगे और भी इजाफा हो सकता है। फंड का प्रबंधन SBI कैप्स की ओर से किया जाएगा। सीतारमण ने कहा था, कई सारे होमबायर पजेशन न मिलने के कारण समस्या का सामना कर रहे हैं।

रियल्टी फर्म सुपरटेक ने भी मांगा फंड
रियल्टी फर्म सुपरटेक ने भी नोएडा और ग्रेटर नोएडा की 12 आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए सरकार से 1,500 करोड़ रुपये मुहैया कराने की मांग की है। अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए सरकार की ओर से बनाए गए फंड से सुपरटेक ने ये रकम मांगी है। कंपनी की 20,000 फ्लैट्स वाली 12 परियोजनाएं अपने एंडवांस स्टेज में है। इन्हें पूरा करने और होमबायर्स को उनके घर सौंपने के लिए अंतिम चरण की फंडिंग की जरुरत है।

1500 करोड़ रुपए का किया आवेदन
सुपरटेक लिमिटेड के चेयरमैन आर.के. अरोड़ा ने कहा, ‘हमने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे की 12 परियोजनाओं को पूरा कर 1-2 साल में 20 हजार फ्लैट खरीदारों को सौंपने के लिए राहत कोष से 1,500 करोड़ रुपये का आवेदन किया है।’ उन्होंने कहा, ‘हम मदद पाने के पात्र हैं और हमें मिलने की उम्मीद है।" अरोड़ा ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार और राज्य नियामक प्राधिकरण बिल्डरों को आवेदन करने में मदद कर रहे हैं। वित्त मंत्रालय ने कहा था कि किसी भी एक परियोजना के लिए अधिकतम धनराशि 400 करोड़ रुपये होगी।

रुकी परियोजनाओं के लिए सरकार ने बनाया था फंड
बता दें कि मोदी सरकार ने नवंबर में इकोनॉमी को बूस्ट करने के लिए एक और कदम उठाया था। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1,600 से अधिक रुकी हुई आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने में मदद करने के लिए 25,000 करोड़ रुपए के फंड को मंजूरी दे दी थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका ऐलान करते हुए कहा कि इस अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (एआईएफ) में सरकार 10,000 करोड़ रुपए देगी। बाकी फंड भारतीय स्टेट बैंक और एलआईसी की मदद से जुटाया जाएगा।

4.58 लाख हाउसिंग यूनिट्स को पूरा करने का टारगेट
कुल मिलाकर, 4.58 लाख हाउसिंग यूनिट्स को पूरा करने का टारगेट रखा गया है। रोजगार के अवसर देने और सीमेंट, आयरन, स्टील इंडस्ट्री में मांग बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से मंजूर की यह योजना 14 सितंबर की योजना का एक संशोधित संस्करण है। इस बदलाव के बाद लैंडर की ओर से NPA घोषिए किए गए प्रोजेक्ट्स को भी एआईएफ फंड कर सकेगा।

Created On :   10 Jan 2020 11:11 AM IST

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