RBI Post Budget Meeting : गवर्नर शक्तिकांत दास बोले- अगले साल 6% रह सकती है GDP ग्रोथ
- RBI की पोस्ट-बजट मीटिंग आयोजित की गईं
- RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने अगले साल के लिए 6% का ग्रोथ प्रोजेक्शन दिया
- मीटिंग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में RBI गवर्नर ने ये बात कही है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अगले साल के लिए 6% का ग्रोथ प्रोजेक्शन दिया है। चालू वित्त वर्ष की आर्थिक समीक्षा के आधार पर अगले वर्ष की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया है। इसके साथ ही आरबीआई गवर्नर ने मॉनिटरिंग पॉलिसी फ्रेमवर्क में बदलाव की भी बात कही है। शनिवार को आरबीआई सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की पोस्ट-बजट मीटिंग आयोजित की गई थी। इस मीटिंग में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास, MoS फाइनेंस अनुराग ठाकुर और अन्य शामिल हुए। मीटिंग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में RBI गवर्नर ने ये बात कही है।
MPF को लेकर क्या कहा RBI गवर्नर ने?
मॉनिटरिंग पॉलिसी फ्रेमवर्क (MPF) को लेकर RBI गवर्नर ने कहा कि "पिछले तीन साल से MPF काम कर रहा है, लेकिन केंद्रीय बैंक आंतरिक तौर पर इस बात का विश्लेषण कर रहा है कि यह कितना कारगर रहा है। उन्होंने कहा, इस बारे में जरूरत पड़ने केंद्रीय बैंक सरकार के साथ बातचीत करेगा। बता दें कि इस फ्रेमवर्क के तहत रिजर्व बैक हर दो महीने में देश की इकोनॉमी को लेकर चर्चा करता है। ये बैठक 3 दिनों तक चलती है और इसकी अध्यक्षता केंद्रीय बैंक के गवर्नर करते हैं। इसी बैठक में रेपो रेट कटौती को लेकर फैसले लिए जाते हैं।
रेपो रेट कटौती की रफ्तार में सुधार
गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट कटौती को लेकर कहा कि "रेपो रेट कटौती की रफ्तार में काफी सुधार हुआ है। उम्मीद है कि आगे कटौती की रफ्तार तेज होगी। बता दें कि फिलहाल रेपो रेट 5.15 फीसदी है। यह लगातार दूसरी बार है कि आरबीआई ने रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है। पिछले साल रिजर्व बैंक ने पांच बार रेपो रेट में कुल 1.35 की कटौती की थी।
ऐसे समझे रेपो और रिवर्स रेपो रेट को
RBI जिस दर पर अन्य बैंकों को कर्ज देता है उसे रेपो रेट कहा जाता है। बैंक ग्राहकों को इसी दर से लोन देता हैं। अगर रेपो रेट में कटौती होती है तो इसका फायदा ग्राहकों को भी मिलता है। अगर रेपो रेट बढ़ जाए तो ग्राहकों को मिलने वाले लोन की ब्याज दर भी बढ़ जाती है। हालांकि रेपो रेट बढ़ने या घटने के बाद ब्याज दरें में बदलाव करना है या नहीं इसका फैसला बैंक करता है। वहीं जिस रेट पर आरबीआई बैंकों को पैसा जमा करने पर ब्याज देता है उसे रिवर्स रेपो रेट कहा जाता है।
#WATCH Live from Delhi: FM Sitharaman addresses media on post-Budget meeting with RBI Central Board of Directors https://t.co/1OckNStIZD
— ANI (@ANI) February 15, 2020
RBI Governor Shaktikanta Das: We have given growth projection of 6% for the next year, which is in line with Economic Survey projection pic.twitter.com/9SGmDYeRP7
— ANI (@ANI) February 15, 2020
Created On :   15 Feb 2020 7:35 AM GMT