रेल निगम 5000 किमी के 7 नए बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का कर रहा अध्ययन

Rail Corporation is studying 7 new bullet train corridors of 5000 km
रेल निगम 5000 किमी के 7 नए बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का कर रहा अध्ययन
रेल निगम 5000 किमी के 7 नए बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का कर रहा अध्ययन
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नई दिल्ली, 2 सितंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय उच्च गति रेल निगम लिमेटेड (एनएचएसआरसीएल) 508 किलोमीटर लंबी अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड ट्रेन (बुलेट ट्रेन) परियोजना के निर्माण पर काम कर रहा है। इस बीच एजेंसी अब देशभर में 5,000 किलोमीटर लंबे सात नए मार्गो पर ट्रेन संचालित करने के लिए भी अध्ययन कर रहा है।

एनएचएसआरसीएल के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, प्रस्तावित सात नए उच्च गति गलियारों का अध्ययन करने के लिए रेल मंत्रालय द्वारा एजेंसी को काम सौंपा गया है।

अधिकारी ने कहा कि एनएचएसआरसीएल को रेल मंत्रालय द्वारा 865 किलोमीटर दिल्ली-वाराणसी, 753 किलोमीटर मुंबई-नागपुर, 886 किलोमीटर दिल्ली-अहमदाबाद, 435 किलोमीटर चेन्नई-मैसूर, 459 किलोमीटर दिल्ली-अमृतसर, 711 किलोमीटर मुंबई-हैदराबाद और 760 किलोमीटर वाराणसी-हावड़ा नए प्रस्तावित गलियारे के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए कहा गया है।

अधिकारी ने कहा कि एनएचएसआरसीएल डीपीआर की तैयारी के लिए सात नए प्रस्तावित गलियारों पर डेटा एकत्र कर रहा है। एनएचएसआरसीएल वर्तमान में मुंबई अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना का निर्माण कर रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे ने 14 सितंबर, 2017 को महत्वाकांक्षी 1.08 लाख करोड़ रुपये (17 अरब डॉलर) की परियोजना की आधारशिला रखी थी।

जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) और केंद्रीय रेल मंत्रालय ने परियोजना को आंशिक रूप से फंड देने के लिए जापान के साथ 508 किलोमीटर के गलियारे के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। एनएचएसआरसीएल के अनुसार, हाई स्पीड ट्रेन परियोजना के लिए कुल 1,380 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, जिसमें से रेलवे ने निजी व्यक्तियों से 479 हेक्टेयर और सरकारी भूमि से 119 हेक्टेयर का अधिग्रहण किया है।

एनएचएसआरसीएल दिसंबर 2023 की अपनी समय-सीमा से पहले 508 किलोमीटर की कॉरिडोर परियोजना को पूरा करने के लिए तैयार है। एक अधिकारी के अनुसार, मुंबई में बोइसर और बीकेसी के बीच 21 किलोमीटर लंबी सुरंग खोदी जाएगी, जिसमें से सात किलोमीटर का क्षेत्र समुद्र के नीचे होगा।

एकेके/एसजीके

Created On :   2 Sept 2020 7:00 PM IST

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