जब तक आईडीबीआई ऋण विवाद हल नहीं हो जाता , तब तक एलआईसी आईपीओ टाला जाए

LIC IPO to be postponed until IDBI loan dispute is resolved
जब तक आईडीबीआई ऋण विवाद हल नहीं हो जाता , तब तक एलआईसी आईपीओ टाला जाए
शिव सेना जब तक आईडीबीआई ऋण विवाद हल नहीं हो जाता , तब तक एलआईसी आईपीओ टाला जाए
हाईलाइट
  • भारतीय कामगार सेना ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर किया आग्रह

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आम पालिसी धारकों के हितों की रक्षा करने के लिए शिव सेना की भारतीय कामगार सेना (बीकेएस)ने गुरूवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर उनसे आग्रह किया है कि जब तक भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (आईडीबीआई) ऋण विवाद हल नहीं हो जाता है तब तक एलआईसी के आईपीओ को नहीं लाया जाए। बीकेएस के महासचिव डा. रघुनाथ कुचिक ने श्रीमती सीतारमण को लिखे एक पत्र में आईडीबीआई के अपने जानबूझकर बकाएदारों में से कथित रूप से एक हीरा कारोबार से जुड़े डायमानतेरे समूह की ओर से की गई भयंकर भूल की ओर ध्यान आकर्षित किया है।

उन्होंने कहा कि मात्र 72 घंटे की अवधि में आईडीबीआई ने इस समूह के जानबूझकर बकाया ऋण के तीन अलग अलग आंकड़े पेश किए हैं जिससे भारतीय रिजर्व बैंक, आईडीबीआई खातेदारों और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में भ्रम पैदा हो गया है। पत्र में कहा गया है आम आदमी के हितों की रक्षा के लिए कृपया संबंधित प्राधिकरणों और अधिकारियों को इस मामले की समुचित जांच करने का निर्देश दिया जाए क्योंकि यह मामला एलआईसी के करोडों पॉलिसी धारकों, केन्द्र सरकार और एलआईसी के आने वाले आईपीओ से जुड़ा है। उन्होंने कहा हम निश्चित तौर पर नीरव मोदी और मेहुल चौकसी मामलों को नहीं दोहराना चाहते हैं जिसमें कुछ वर्षों पहले पंजाब नेशनल बैंक को अरबों रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ था।

उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि किस तरह मात्र 72 घंटों में ही आईडीबीआई ने इस समूह के बकाया ऋणों से जुड़े तीन अलग अलग आंकड़ें पेश किए। इस मामले को सबसे पहले आईएएनएस ने ही उठाया था। डा. कुचिक ने कहा मैं एक बार फिर आपका ध्यान इस मामले की तरफ प्राथमिकता से दिलाना चाहता हूं ताकि आप भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशानुसार इस विवाद का निपटारा होने तक संबंधित विभागों को एलआईसी के आने वाले आईपीओ की दिशा में बढ़ने से रोकें।

अखिल भारतीय बैंक आफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव एस नागराजन ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर को पत्र लिखकर उनका ध्यान इस तरफ ऑकर्षित किया था कि हाल ही के खुलासे से बैंक अधिकारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि केन्द्र सरकार तथा एलआईसी की इस बैंक में 97 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

इस पत्र के बाद ही बीकेएस ने भी यह पहल की है। गौरतलब है कि मुंबई स्थित एआईबीओए के नेता विश्वास उतागी ने गुरूवार को कहा था कि आईडीबीआई की हाल ही वार्षिक रिपोर्ट(वित्त वर्ष 2020-2021)में कहा गया है कि बैंक की कुल गैर निष्पादित परिसंपत्तियों 36,212 करोड़ रुपए में से बड़ा हिस्सा 13,392 करोड़ रुपए शीर्ष चार खातों में केन्द्रित हैं।

उतागी ने मांग की है वे जानबूझकर शीर्ष बकाएदार कौन हैं और किस क्षेत्र तथा कब से हैं? मौजूदा समय में विश्वास कमी के संकट को देखते हुए क्या वित्त मंत्री,रिजर्व बैंक गवर्नर और एलआईसी अध्यक्ष आईडीबीआई बैंक को यह निर्देश देंगे कि वह अपने आपको इस मामले में पाक दामन साबित कर दिखाए तथा जनता को भी इस मामले का पूरा पता चलना चाहिए।

इस मामले में आईडीबीआई बैंक सूत्रों ने जोर देते हुए कहा कि 19 दिसंबर के सार्वजनिक नोटिस में वह गड़बड़ी एक वास्तविक त्रुटि थी और बांबे स्टॉक एक्सचेंज तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की ओर से 20 दिसंबर की गई फाइलिंग और 21 दिसंबर के ताजा सार्वजनिक नोटिस से आम लोगों के जेहन में इस मामले की छवि एक घोटाले के रूप में हो गई है। उन्होंने दावा किया कि इस मामले में सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।

(आईएएनएस)nirmal

Created On :   23 Dec 2021 5:00 PM IST

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