भारतीय तेल कारोबारियों ने रोकी मलेशिया से पाम ऑयल की खरीद

Indian oil traders stopped purchase of palm oil from Malaysia (lead-1)
भारतीय तेल कारोबारियों ने रोकी मलेशिया से पाम ऑयल की खरीद
भारतीय तेल कारोबारियों ने रोकी मलेशिया से पाम ऑयल की खरीद

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। कश्मीर मसले को लेकर मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद द्वारा भारत की आलोचना से नाराज भारतीय कारोबारियों ने मलेशिया से पाम तेल आयात के नए सौदे करना बंद कर दिया है।

हालांकि, भारत सरकार ने इस दिशा में अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है, लेकिन घरेलू खाद्य तेल उद्योग ने मलेशिया को कड़ा जवाब देना शुरू कर दिया है। खाद्य तेल उद्योग संगठन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि देश पहले आता है और कारोबारी संबंध बाद में। कश्मीर मसले पर भारत विरोधी बयान को लेकर देश के तेल कारोबारी मलेशिया से नाराज हैं, इसलिए उन्होंने अगले महीने के लिए होने वाले पाम तेल आयात के सौदों को रोक दिया है।

सॉल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक डॉ. बी.वी मेहता ने कहा, हमारे लिए देश पहले आता है और कारोबारी संबंध बाद में। मलेशिया से पाम तेल आयात करना हमारी मजबूरी भी नहीं है, क्योंकि मलेशिया की जगह इंडोनेशिया से पाम तेल आयात के हमारे विकल्प खुले हुए हैं।

डॉ. मेहता ने कहा, भारत, मलेशिया के पाम तेल का सबसे बड़ा खरीदार है। लेकिन मलेशिया से आयात रुकने से हमारे ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है क्योंकि हम इसके बदले इंडोनेशिया से पाम आयात कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार मलेशिया से पाम तेल का आयात रोकने के लिए आयात शुल्क में वृद्धि कर सकती है या फिर कोटा निार्धारित कर सकती है। लेकिन, सरकार जो भी कदम उठाएगी उसमें विश्व व्यापार संगठन द्वारा तय नियमों को भी ध्यान में रखा जा सकता है।

मलेशिया पाम ऑयल बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, मलेशिया ने इस साल जनवरी से सितंबर के दौरान सिर्फ नौ महीने में 39,08,212 टन पाम तेल भारत को निर्यात किया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में उसने भारत को 18,88,216 टन पाम तेल बेचा था। मतलब इस साल भारत ने पिछले साल से दोगुना से भी अधिक पाम तेल मलेशिया से खरीदा है।

मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का मसला उठाते हुए कहा था कि जम्मू-कश्मीर मसले पर संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव लाए जाने के बावजूद भारत ने उस पर आक्रमण कर उसे अपने कब्जे में कर लिया।

उन्होंने कहा, भारत की इस कार्रवाई की भले ही कोई वजह रही हो लेकिन यह गलत है। भारत को पाकिस्तान के साथ मिलकर समस्या का समाधान करना चाहिए।

पिछले ही महीने भारत ने मलेशिया के रिफाइंड पाम तेल को एमआईसीईए (मलेशिया-भारत आर्थिक सहयोग समझौता) के तहत तरजीही शुल्क के उत्पादों की सूची से हटाया दिया था जिसके बाद मलेशिया से रिफाइंड पाम तेल पर आयात शुल्क 45 फीसदी से बढ़कर 50 फीसदी हो गया। इंडोनेशिया से भी रिफाइंड पाम तेल के आयात पर 50 फीसदी ही शुल्क लगता है।

खाद्य तेल बाजार विशेषज्ञ मुंबई के सलिल जैन ने बताया कि बाजार में इस बात पर पहले से ही चर्चा चल रही है कि सरकार मलेशिया से तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में कदम उठा सकती है। उन्होंने कहा कि यह भी एक कारण है कि भारत के तेल आयातक फिलहाल अगले महीनों के लिए मलेशिया से पाम तेल आयात के सौदे नहीं कर रहे हैं।

भारत से पाम तेल के सौदे नहीं होने की रिपोर्ट के बाद मलेशिया के वायदा बाजार बुर्सा मलेशिया पर पाम तेल के दाम मंगलवार को 2,140 रिंगिट प्रति टन तक टूटे जबकि बीते शुक्रवार को पाम तेल का भाव 2,201 रिंगिट प्रति टन पर बंद हुआ था। इस प्रकार दो दिनों में पाम तेल के दाम में 2.77 फीसदी की गिरावट आई।

कमोडिटी बाजार विश्लेषक अनुज गुप्ता ने बताया कि मलेशिया से सबसे ज्यादा पाम तेल भारत खरीदता है, लेकिन हालिया घटनाक्रम के बाद भारत के तेल आयातक मलेशिया के बदले इंडोनिशया से तेल आयात करना पसंद करेंगे क्योंकि इंडोनेशिया दुनिया में पाम तेल का सबसे बड़ा उत्पादक है और उसके भारत के साथ संबंध भी अच्छे हैं।

 

Created On :   15 Oct 2019 8:00 PM IST

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