आईईए ने स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों के लिए वित्त पोषण नीति बनाने का आह्वान किया

IEA calls for funding policy for clean energy alternatives
आईईए ने स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों के लिए वित्त पोषण नीति बनाने का आह्वान किया
रिपोर्ट आईईए ने स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों के लिए वित्त पोषण नीति बनाने का आह्वान किया
हाईलाइट
  • आईईए ने स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों के लिए वित्त पोषण नीति बनाने का आह्वान किया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आईईए की एक नई रिपोर्ट में मंगलवार को कहा गया कि स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों के लिए बड़े पैमाने पर वित्त पोषण के लिए तत्काल नीतिगत कार्रवाई की मांग की गई है। जलवायु परिवर्तन से होने वाले गंभीर प्रभावों से बचने के लिए दुनिया को कोयले से होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने के लिए तेजी से आगे बढ़ना चाहिए।

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) की विशेष रिपोर्ट में कहा गया है, वैश्विक कोयला उत्सर्जन को तेजी से कम करने के लिए क्या करना होगा। ऊर्जा सुरक्षा व आर्थिक विकास का समर्थन करते हुए और शामिल परिवर्तनों के सामाजिक और रोजगार परिणामों को संबोधित करते हुए अंतर्राष्ट्रीय जलवायु लक्ष्यों को पूरा करें।

इसमें 2050 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन के संक्रमण के कोयला क्षेत्र के लिए प्रमुख निहितार्थ शामिल हैं, जो दुनिया को ग्लोबल वार्मिग को 1.5 डिग्री सेल्सियस की महत्वपूर्ण सीमा तक सीमित करने का एक समान मौका देगा। विशेष रिपोर्ट में नया विश्लेषण, जो विश्व ऊर्जा आउटलुक श्रृंखला का हिस्सा है, से पता चलता है कि वर्तमान वैश्विक कोयले की खपत का भारी बहुमत उन देशों में होता है जिन्होंने शुद्ध शून्य उत्सर्जन हासिल करने का संकल्प लिया है।

हालांकि, वैश्विक कोयले की मांग घटने के बजाय पिछले एक दशक से रिकॉर्ड ऊंचाई पर स्थिर रही है। अगर कुछ नहीं किया जाता है, तो मौजूदा कोयले की संपत्ति से उत्सर्जन अपने आप ही दुनिया को 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा से पार कर जाएगा। आईईए के कार्यकारी निदेशक फतिह बिरोल ने कहा, दुनिया की 95 प्रतिशत से अधिक कोयले की खपत उन देशों में हो रही है, जो अपने उत्सर्जन को शुद्ध शून्य तक कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

उन्होंने कहा, लेकिन जब मौजूदा ऊर्जा संकट के लिए कई सरकारों की नीतिगत प्रतिक्रियाओं में स्वच्छ ऊर्जा के विस्तार की दिशा में उत्साहजनक गति है, तो एक बड़ी अनसुलझी समस्या यह है कि दुनिया भर में मौजूदा कोयला संपत्ति की भारी मात्रा से कैसे निपटा जाए। बिरोल ने कहा, कोयला ऊर्जा से सीओ2 उत्सर्जन का सबसे बड़ा स्रोत है और दुनिया भर में बिजली उत्पादन का सबसे बड़ा स्रोत है, जो हमारे जलवायु को होने वाले नुकसान और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए इसे तेजी से बदलने की बड़ी चुनौती को उजागर करता है।

उन्होंने कहा, हमारी नई रिपोर्ट इस महत्वपूर्ण चुनौती को किफायती और निष्पक्ष रूप से दूर करने के लिए सरकारों के लिए खुले व्यवहार्य विकल्पों को निर्धारित करती है। जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभावों से बचने वाले वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र के लिए भविष्य के हर रास्ते में कोयले से संबंधित उत्सर्जन में महत्वपूर्ण कमी है।

रिपोर्ट यह स्पष्ट करती है कि कोयले के उत्सर्जन को कम करने के लिए कोई एकल दृष्टिकोण नहीं है। नया आईईए कोल ट्रांजिशन एक्सपोजर इंडेक्स उन देशों पर प्रकाश डालता है, जहां कोयले पर निर्भरता अधिक है और संक्रमण सबसे चुनौतीपूर्ण होने की संभावना है, ये देश हैं : इंडोनेशिया, मंगोलिया, चीन, वियतनाम, भारत और दक्षिण अफ्रीका।

सोर्सः आईएएनएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   16 Nov 2022 1:30 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story