सरकार चावल की भूसी के तेल का उत्पादन बढ़ाने के लिए कर रही काम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। खाद्य तेलों के आयात को आसान बनाने के लिए चावल की भूसी के तेल उत्पादन को बढ़ाकर 18 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) करने के उद्देश्य से केंद्र ने राज्यों से चावल मिलों की क्षमता का आकलन करने और क्षमता बढ़ाने का आग्रह किया है। इस समय उत्पादन लगभग 11 एलएमटी है, और सरकार का तर्क है कि क्षमता लगभग 18 एलएमटी है। राज्य सरकारों से आग्रह किया गया है कि वे अपने-अपने राज्यों में स्थित चावल समूहों में चावल की भूसी के तेल उत्पादन की क्षमता का आकलन करें और चावल मिलों की क्षमता भी बढ़ाएं, ताकि चावल की भूसी का तेल ज्यादा से ज्यादा निकालना सुनिश्चित किया जा सके। प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि वे संबंधित अधिकारियों को राइस मिलिंग क्लस्टर्स में चावल की भूसी के तेल संयंत्रों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए सलाह दें।
खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों ने पहले ही रुचि दिखाई है और राइस ब्रान ऑयल सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन प्लांट स्थापित करने पर सहमति जताई है। चावल की भूसी का उपयोग कन्फेक्शनरी उत्पादों जैसे ब्रेड, स्नैक्स, कुकीज और बिस्कुट में किया जाता है। वसा रहित चोकर का उपयोग पशुओं के चारे, जैविक खाद (खाद), औषधीय उद्देश्य और मोम बनाने में भी किया जाता है। हालांकि पारंपरिक तेलों की तुलना में चावल की भूसी के तेल की प्रत्यक्ष खपत बहुत कम है। हालांकि, यह नियमित रूप से साबुन और फैटी एसिड निर्माण में उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग सौंदर्य प्रसाधन, सिंथेटिक फाइबर, प्लास्टिसाइजर, डिटर्जेट और इमल्सीफायर में भी किया जाता है। यह वह जगह है, जहां सरकार राजकोष को भारी कीमत पर पूर्व आयात करने से बचने के लिए ताड़ के तेल को चावल की भूसी के तेल से बदलने की कोशिश कर रही है।
वर्ष 2018 के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, चावल की भूसी का तेल उत्पादन 2014-15 में 9.20 लाख टन, 2015-16 में 9.90 लाख टन और 2016-17 में 10.31 लाख टन था। वर्ष की शुरुआत में नेफेड द्वारा 15 जून को दिल्ली/एनसीआर में अपने कई आउटलेट्स के माध्यम से वाणिज्यिक आधार पर फोर्टिफाइड राइस ब्रान ऑयल की बिक्री शुरू की गई थी। चावल की गिरी के उत्पादन और विपणन के लिए नेफेड और भारतीय खाद्य निगम के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। एक अधिकारी ने कहा, यह नेफेड ब्रांडेड उच्च गुणवत्ता वाले चावल की भूसी के तेल तक आसान पहुंच प्रदान करेगा, जो स्वदेशी तेल निर्माण उद्योग को भी बढ़ावा देगा। नेफेड की यह पहल भविष्य में आयातित खाद्य तेल पर देश की खपत निर्भरता को काफी कम करेगी।। हाल ही में, सरकार ने एफसीआई को चावल मिल मालिकों और फील्ड कार्यालयों के साथ राज्य स्तरीय इंटरैक्टिव कार्यशालाओं का आयोजन करने का निर्देश दिया, ताकि उनकी तकनीकी जरूरतों का आकलन किया जा सके। सरकार ने यह भी कहा कि उसने चावल मिलों की संख्या और उनकी मिलिंग क्षमता, कुल चावल की भूसी उत्पादन, मवेशियों के चारे के लिए भेजे गए चावल की भूसी, विलायक निष्कर्षण (सॉल्वेंट एक्ट्रैक्शन) के लिए भेजे गए चावल की भूसी जैसे विवरणों के लिए प्रमुख धान/चावल समूहों वाले राज्यों के साथ परामर्श किया है। इन राज्यों में संयंत्र और मिलों की संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत है।
(आईएएनएस)
Created On :   24 Oct 2021 12:30 PM GMT