मर्जर के खिलाफ 4 बैंक यूनियन करेंगे 2 दिनी हड़ताल, सरकार को दी ये धमकी
- 28 सितंबर को महीने का चौथा सप्ताह और 29 सितंबर रविवार
- बैंक की 4 कर्मचारी यूनियन ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया
- मांगे पूरी ना होने पर नवंबर से अनिश्चतकालीन हड़ताल की धमकी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा देश के 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाए जाने के फैसले के विरोध में बैंक की 4 कर्मचारी यूनियन ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। कर्मचारी यूनियन ने 25 सितंबर की मध्यरात्रि से हड़ताल का आह्वान किया है। बता दें कि हाल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 10 सरकारी बैंकों के महाविलय प्लान की घोषणा की थी।
पांच दिन के सप्ताह की मांग
यूनियन का कहना है कि तीन दिवसीय हड़ताल के बावजूद अगर बैंक कर्मचारियों की मांगे नहीं मानी जाती हैं, तो बैंक संगठन नवंबर से अनिश्चतकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इसके अलावा कर्मचारी यूनियनें बैंक कर्मियों के वेतन संशोधन की प्रक्रिया तेज करने और पांच दिन के सप्ताह की भी मांग कर रही हैं।
4 Bank Officers" Trade Union Organisations have proposed to go on a continuous strike from midnight of 25 Sept to midnight of 27 Sept and on an indefinite strike from second week of Nov 2019, against the mergers amalgamations in banking sector. pic.twitter.com/o3YGUisbAZ
— ANI (@ANI) September 13, 2019
हड़ताल में ये यूनियन शामिल
हड़ताल का आह्वान आल इंडिया बैंक आफिसर्स कनफेडरेशन (AIBOC), आल इंडिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन (AIBOA), इंडियन नेशनल बैंक आफिसर्स कांग्रेस (INBOC) और नेशनल आर्गेनाइजेशन आफ बैंक आफिसर्स (NOBO) ने किया है।
चार दिन बैंक बंद
चूंकि 25 सितंबर की आधी रात से 27 सितंबर की मध्यरात्रि तक हड़ताल रहने के साथ ही 28 सितंबर को महीने का चौथा सप्ताह और 29 सितंबर रविवार है। ऐसे में लगातार चार दिनों तक बैंक बंद रहेंगे, जिसका असर बैंकों के काम-काज पर असर होगा। लिहाजा ऐसे में यदि आपका कोई कार्य बैंक से जुड़ा हुआ है तो आपको इस हड़ताल के हिसाब से ही अपने काम-काम को निपटना चाहिए।
पहले भी किया विरोध
हालांकि यह पहली बार नहीं है बैंकों के विलय को लेकर इससे पहले बैंक कर्मचारी यूनियन अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के सदस्यों ने 31 अगस्त को अपने-अपने बैंकों में काली पट्टी बांध कर काम करते हुए प्रदर्शन किया था। यूनियन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने यह फैसला गलत समय पर लिया है और इसकी समीक्षा की जरूरत है।
इन बैंकों का हो चुका है विलय
6 छोटे सरकारी बैंकों का भारतीय स्टेट बैंक में और विजया बैंक, देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में पहले ही विलय हो चुका है। इसी तरह, एसबीआई और बैंक ऑफ बड़ौदा विलय के बाद 10 सरकारी बैंकों में पहले ही शीर्ष दो बड़े बैंकों में तब्दील हो चुके हैं।
Created On :   13 Sept 2019 5:30 AM GMT