चीन से बाहर निकलकर भारत आने वाली कंपनियों को मिलेगी सब्सिडी

Companies coming out of China and coming to India will get subsidy
चीन से बाहर निकलकर भारत आने वाली कंपनियों को मिलेगी सब्सिडी
चीन से बाहर निकलकर भारत आने वाली कंपनियों को मिलेगी सब्सिडी
हाईलाइट
  • चीन से बाहर निकलकर भारत आने वाली कंपनियों को मिलेगी सब्सिडी

नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस) जापान ने भारत और अन्य क्षेत्रों में अपना आधार स्थानांतरित करने के लिए जापानी कंपनियों के लिए 22.1 डॉलर की चीन निकास सब्सिडी की घोषणा की है।

यानी जापानी सरकार ने चीन से बाहर निकलने के लिए जापानी कंपनियों को 22.1 करोड़ डॉलर की सब्सिडी या इन्सेंटिव देने का फैसला किया है, जिसका भारत को सीधा फायदा पहुंचने की संभावना है।

अप्रैल में कोरोनावायरस महामारी के बीच, निवर्तमान जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने एक ऐसी अर्थव्यवस्था का निर्माण करने का प्रस्ताव रखा था, जो चीन पर कम निर्भर हो, ताकि राष्ट्र आपूर्ति श्रृंखला (सप्लाई चेन) व्यवधानों से बच सके।

जुलाई के मध्य में जापान के अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग मंत्रालय ने अधिक लचीली आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए जापान की विनिर्माण कंपनियों के पहले समूह को चीन से दक्षिण पूर्व एशिया या जापान में अपना कारोबार स्थापित करने के लिए सब्सिडी देने की योजना का अनावरण किया था।

भारत-जापान शिखर सम्मेलन से आगे, जापान सरकार ने घोषणा की थी कि वह भारत और बांग्लादेश को चीन से बाहर जाने वाले जापानी निमार्ताओं के लिए सब्सिडी प्राप्त करने के लिए आसियान देशों की सूची में शामिल करेगी।

यह कदम भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के व्यापार एवं उद्योगों से जुड़े मंत्रियों के बीच हाल ही में एक वर्चुअल बैठक के बाद सामने आया है। इस बैठक में चीन पर निर्भरता को कम करने के लिए भारत-प्रशांत क्षेत्र में विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला को लचीला बनाने में सहयोग करने पर सहमति बनी थी। दरअसल चीन इन तीनों देशों के साथ एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार है। चीन के पास बड़ी विनिर्माण इकाइयां होने के साथ ही वह निर्यात के मामले में भी कहीं बेहतर स्थिति में है। उसके इसी वर्चस्व को खत्म करने के लिए तीनों देश आगे आए हैं। एससीआरआई (सप्लाई चेन्स रेजिलिएशन इनिशिएटिव) का उद्देश्य चीन से दूर एक वैकल्पिक आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण करना है।

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि हम विश्वसनीय, दीर्घकालिक आपूर्ति और उचित क्षमता का एक नेटवर्क बनाकर क्षेत्र में मूल्य श्रृंखलाओं को जोड़ने के लिए मुख्य मार्ग प्रदान कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि मई 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर देकर कहा था कि यह समय की आवश्यकता है कि भारत को आपूर्ति श्रृंखलाओं में एक बड़ी भूमिका निभानी चाहिए।

जापानी सरकार के अनुपूरक (सपलिमेंट्री) बजट ने उन व्यवसायों के लिए 22.1 करोड़ डॉलर की घोषणा की, जो चीन से दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में अपने उत्पादन को स्थानांतरित करना चाहते हैं।

देश के निर्माता अब पायलट कार्यक्रमों और व्यवहार्यता अध्ययन के लिए सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। जापानी सरकार का कार्यक्रम किसी भी आपात स्थिति में चिकित्सा आपूर्ति और बिजली के घटकों जैसे उत्पादों की एक स्थिर आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करना है।

वर्तमान में, जापानी कंपनियों की आपूर्ति श्रृंखला चीन पर बहुत निर्भर करती है। कोविड-19 महामारी के दौरान यह मुद्दा सामने आया, जब चीन से आपूर्ति में कटौती की गई।

अनुप्रयोगों के दूसरे दौर में, परियोजनाएं आसियान-जापान आपूर्ति श्रृंखला में योगदान देंगी, यह मानते हुए कि भारत और बांग्लादेश में पुनर्वास होगा। सुविधाओं के प्रायोगिक परिचय के साथ विकेंद्रीकृत विनिर्माण योजनाओं पर व्यवहार्यता अध्ययन भी किया गया है।

सब्सिडी का पहला दौर, जिसे जुलाई में घोषित किया गया था, उसमें जापान ने अपने उत्पादन स्थलों को दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थानांतरित करने वाली 30 कंपनियों को लगभग 10 अरब येन प्रदान किया। अन्य 57 फर्मो को जापान में विनिर्माण सुविधाओं को स्थानांतरित करने के लिए भी समर्थन मिल रहा है।

इस फैसले का चीन पर काफी बड़ा प्रभाव पड़ने वाला है। चीन से बड़ी औद्योगिक इकाइयां बाहर निकलने से उसकी उत्पादन क्षमता पर असर पड़ेगा ही साथ ही कम्युनिस्ट देश में बेरोजगारी भी बढ़ेगी और बड़े पैमाने पर नौकरियों का संकट खड़ा हो सकता है।

अमेरिका-चीन व्यापार तनाव पहले से ही चीन में लगभग 20 लाख औद्योगिक नौकरियों पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। वहीं भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी गतिरोध के बीच भारत में भी चीन विरोधी भावनाएं चरम पर हैं। चूंकि चीन के भारत से भी बड़े व्यापारिक हित जुड़े हुए हैं, उसे यहां से भी कई व्यापारिक मामलों में गंभीर परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं, जो कि आने वाले समय में और भी बढ़ सकते हैं।

दीर्घकालिक से मध्यम अवधि के दौरान चीन के उत्पादकता पर एक बड़ा नकारात्मक प्रभाव देखा जा सकता है।

एकेके/एएनएम

Created On :   14 Sept 2020 5:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story