सीसीपीए ने भ्रामक विज्ञापनों के लिए ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन और नापतोल पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया

CCPA fines GlaxoSmithKline and Naaptol Rs 10 lakh each for misleading advertisements
सीसीपीए ने भ्रामक विज्ञापनों के लिए ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन और नापतोल पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया
जुर्माना सीसीपीए ने भ्रामक विज्ञापनों के लिए ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन और नापतोल पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया
हाईलाइट
  • सीसीपीए ने भ्रामक विज्ञापनों के लिए ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन और नापतोल पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन और नापतोल पर उनके उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों के लिए 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। ये उन पांच मामलों में से हैं, जहां केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने झूठे दावों के साथ भ्रामक विज्ञापन जारी करने और उपभोक्ताओं को गुमराह करने के लिए अनुचित तरीके अपनाने के लिए संस्थाओं पर जुर्माना लगाया है।

सरकार द्वारा खाद्य और उपभोक्ता मामलों की स्थायी समिति ने जानकारी दी है कि सीसीपीए ने अब तक भ्रामक विज्ञापनों और अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस के खिलाफ 85 नोटिस जारी किए हैं, जिनमें से 38 मामले भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित थे। जारी किए गए नोटिसों के बाद 14 कंपनियों ने अपने विज्ञापन वापस ले लिए हैं और तीन कंपनियों ने सुधारात्मक विज्ञापन के लिए सहमति व्यक्त की है।

पर्ल पैनल ने चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में मंत्रालय से इस खतरे को नियंत्रित करने के लिए एक तंत्र तैयार करने और उपभोक्ताओं के हितों को बचाने के लिए नकली विज्ञापनों पर कड़ी निगरानी रखने की सिफारिश की है। इस संदर्भ में समिति ने आगे सुझाव दिया कि जिस संस्था के विज्ञापन नकली पाए जाते हैं, उन पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार, सीसीपीए की स्थापाना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत की गई थी।

समिति की सिफारिशों के जवाब में मंत्रालय ने कहा कि सीसीपीए ने ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन एशिया को भारत में अपने सेंसोडाइन उत्पाद के लिए सभी विज्ञापनों को बंद करने का निर्देश दिया है जो विदेशी दंत चिकित्सकों द्वारा समर्थित थे। सीसीपीए ने ग्लैक्सो स्मिथ क्लाइन पर उसके झूठे और भ्रामक विज्ञापन के लिए 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।

मंत्रालय ने पैनल को यह भी बताया कि नापतोल पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है और उसके सभी भ्रामक विज्ञापनों जैसे घुटनों के लिए तत्काल दर्द से राहत, एक्यूप्रेशर योग चप्पल, एक्यूप्रेशर मालिश के झूठे दावों वाले विज्ञापन को बंद करने के निर्देश दिए हैं।

सोर्सः आईएएनएस

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Created On :   11 Dec 2022 8:30 PM IST

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