1983 से 2024 तक: कैसे Jai Krishan Jajoo ने कड़ी मेहनत से बनाया नाम
राजस्थान के जयपुर के जय कृष्ण जाजू (Jai Krishan Jajoo) आज देश के अग्रणी बिजनेसमैन में से एक जाने जाते हैं। उनका सफ़र 1983 में शुरू हुआ, जब उन्होंने शुभाशीष ग्रुप (Shubhashish group) की स्थापना की। इस समूह ने रियल एस्टेट, लॉजिस्टिक्स, और धन प्रबंधन जैसी कई इंडस्ट्रीज में कदम रखा और बड़ी सफलता हासिल की। 40 साल के इस सफ़र में जय कृष्ण जाजू ( Jai Krishan Jajoo ) ने न सिर्फ़ कारोबारी पहचान बनाई, बल्कि समाज सेवा के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाई। जयकृष्ण जाजू ने 1983 में शुभाशीष ग्रुप की स्थापना की। उन्होंने रियल एस्टेट सेक्टर से शुरुआत की, जहाँ उन्होंने अपने पहले प्रोजेक्ट से ही ईमानदारी और समय की पाबंदी पर ज़ोर दिया। उनकी इसी सोच ने उन्हें स्थानीय स्तर पर पहचान दिलाई। धीरे-धीरे शुभाशीष ग्रुप ने खुद को एक प्रतिष्ठित ब्रांड के रूप में स्थापित कर लिया। जाजू ने अपनी कंपनी को किसी एक सेक्टर तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने रियल एस्टेट के साथ-साथ लॉजिस्टिक्स और वित्तीय सेवाओं में भी कदम रखा। हर नए क्षेत्र में उनका दृष्टिकोण एक जैसा रहा - गुणवत्ता, समाज और ग्राहक संतुष्टि।
जयक्रिशन जाजू का जन्म 23 सितम्बर 1960 को राजस्थान के रतनगढ़ में हुआ था। उनके पिता का नाम बाल कृष्ण जाजू था जो राजस्थान से सेवानिवृत्त सी.एम.एच.ओ. थे, उनकी माता का नाम गीतादेवी जाजू था। जयकृष्ण ने 1983 में नीता जाजू से विवाह किया जिनसे उनके दो बच्चे मुदिता और मोहित हैं। जयकृष्ण जाजू ने अपना व्यवसायिक जीवन एक सीमेंट वितरण एजेंसी से शुरू किया और फिर 1987 तक दवा वितरण, परिधान निर्माण और निर्यात जैसे विभिन्न व्यवसायों में कदम रखा। 1987 उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण वर्ष साबित हुआ जब उन्होंने शुभाशीष वेल्थ मैनेजमेंट कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड (एस.डब्लू.एम.सी.) की स्थापना की।
जयक्रिशन जाजू के नेतृत्व में एस.डब्लू.एम.सी. आज भारत के अग्रणी वेल्थ मैनेजमेंट संगठनों में गिना जाता है और यह देश भर में बड़े कॉर्पोरेट घरानों और उच्च निवल संपत्ति वाले व्यक्तियों (एच.एन.आई.) को वेल्थ मैनेजमेंट सेवाएं प्रदान करता है। इसके बाद, उन्होंने शुभाशीष समूह के तहत रियल एस्टेट निवेश, रियल एस्टेट विकास, पैकेजिंग, लॉजिस्टिक्स, आई.टी. सेवाएं और कई अन्य व्यवसायों को जोड़ा। 2001 में जयकृष्ण जाजू ने जागृति एनजीओ की सह-स्थापना की, जो जाजू के नेतृत्व में वंचित बच्चों की शिक्षा, मोबाइल शवगृह सेवा, कैंसर जांच शिविर, वृक्षारोपण, स्वच्छता अभियान, नेत्रदान और देहदान जैसे क्षेत्रों में काम करता है।
जयकृष्ण जाजू रोटरी इंटरनेशनल, TIE, Co-Chair of ICC जेसीएफ, माहेश्वरी समाज और राज्य सलाहकार समिति जैसे संगठनों से जुड़े हुए हैं। वे जयपुर को विश्वस्तरीय शहर बनाने के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय की डबल बेंच द्वारा गठित उच्चस्तरीय समिति के सदस्य के रूप में भी काम कर रहे हैं, जिसका निर्देशन राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव करते हैं। इसके अलावा वे कैडेवर (ब्रेन डेथ डोनर) अंगदान के लिए राज्य सलाहकार समिति के सदस्य भी हैं।
2024 में, शुभाशीष समूह ने खुद को जे.के. जाजू वेंचर्स के रूप में नया नामकरण किया।
जयक्रिशन जाजू और उनकी NGO Jagriti ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार जीते हैं जैसे; 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय युवा पुरस्कार, ग्रेट प्लेस टू वर्क सर्टिफ़िकेट, 2023 में 8500 से अधिक मोबाइल शवगृह सेवाएँ प्रदान करने के लिए लंदन वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स, शिक्षा क्षेत्र में योगदान के लिए सरकार द्वारा शिक्षा विभूषण राजस्थान पुरस्कार, लगातार नौ वर्षों 2016 से 2017 में सरकारी स्कूलों के विकास में योगदान के लिए भामाशाह पुरस्कार आदि। जयकृष्ण जाजू के बेटे मोहित जाजू (Mohit jajoo) भी इस विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने 2024 में रियलिटी+ 40 अंडर 40 एक्सीलेंस अवार्ड नोबेल में अपने नेतृत्व कौशल को साबित किया। मोहित जाजू अपने पिता के विज़न को आगे बढ़ाते हुए नई तकनीकों और नवाचारों के साथ कंपनी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
Created On :   30 Nov 2024 4:01 PM IST