बॉलीवुड की 10 बेहतरीन फिल्में, जिन्होंने दिखाया भारत का शौर्य और बढ़ाया हिंदुस्तानियों का जोश
डिजिटल डेस्क, दिल्ली। हिंदी सिनेमा ने दर्शकों को एक से बढ़कर एक देशभक्ति की फिल्में दी हैं। लोगों ने इन फिल्मों पर जमकर प्यार भी लुटाया है। इस स्वतंत्रता दिवस पर हम आपके लिए लेकर आएं है, देशभक्ति पर बनी बॉलीवुड की 10 शानदार फिल्में, जिन्हें देखकर हर भारतीय को गर्व का एहसास होता है।
मदर इंडिया 1957
ये फिल्म गोदान उन्पयास पर आधारित है, जिसमें नर्गिस ने भारतीय नारी के किरदार को बखूबी निभाते हुए एक सच्चे देशभक्त की मिसाल पेश की है। जो अपने मूल्यों और देश पर आंच नहीं आने देती। भले ही इसके लिए उसे अपने बेटे की ही जान क्यों न लेनी पड़े।
शहीद 1965
इस फिल्म में 1911 की कहानी को दिखाया गया है, जो किशन सिंह के परिवार के इर्द- गिर्द घूमती है। फिल्म किशन सिंह के छोटे भाई की गिरफ्तारी से शुरू होती है, जब अंग्रजों के खिलाफ बगावत के लिए उन्हें पुलिस ले जाती है और जो तीन - चार साल का बच्चा होता है वह अपने चाचा को गिरफ्तार होते देखता है, ये बच्चा कोई और नहीं बल्कि भगत सिंह होते है। भगत सिंह जब बड़े होते है तब वह अपने चाचा के नक्शे कदम पर चलने लगते है और सायमन कमीशन के खिलाफ चल रहे आंदोलन में शामिल हो जाते है।
क्रांति 1981
फिल्म की कहानी रामगढ़ राज्य के राजा लक्ष्मण सिंह के ईमानदार एवं कर्तव्य परायण सिपाही सांगा से शुरु होती है। राजा अंग्रेजों को सशस्त्र अपने बंदरगाह को उपयोग करने की अनुमति देते है। लेकिन, अंग्रेज राजा को धोखा देकर गहनों की चोरी कर बदले में गोला बारूद लाते है। सांगा उन्हें रोकता है और राजा को जानकारी देने जाता है, किंतु वहां पर पहले की जा चुकी राजा की हत्या का आरोप सांगा पर लगाकर उसे राजद्रोही मान लिया जाता है। सांगा भागकर क्रांति के नाम से अलग फौज खड़ी करता है। फिल्म में सांगा ने देश के प्रति अपनी वफादारी का अनोखा उदहारण पेश किया है। क्रांति फिल्म में भारतीयों के साहस के साथ साथ उनकी कमजोरियों को भी अच्छे से पेश किया है।
बॉर्डर 1997
इस फिल्म की कहानी 1971 में लड़े गए भारत-पाक युद्ध से प्रेरित है, जिसमें मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी को 120 जवानों के साथ पोस्ट पर भेजा जाता है और जर बाजवा को हवाई बेस बनाने का आदेश मिलता है। दूसरी तरफ कहानी आगे बढ़ती है, जहां जवान अपने परिवारों को याद करते दिखते है। हालांकि, फिल्म एक दुखद दृश्य के साथ देशभक्ति का संदेश देते हुए खत्म होती है।
लगान 2001
ये फिल्म 11वीं शताब्दी में अंग्रजों के राज की है, जहां चंपानेर में रहने वाले भुवन की कहानी दिखाई गई है। छावनी के कैप्टन रसैल के साथ भुवन की नहीं बनती। इस दौरान कैप्टन रसैल अपने क्रिकेट टीम के साथ अपना अभ्यास कर रहे थे और गांव वाले उन्हें देख रहे थे। फिल्म में अंग्रेजों की हिटलरशाही के खिलाफ कदम उठाते हुए देशभक्ति का सच्चा उदहारण पेश किया गया है।
लक्ष्य 2004
इस फिल्म में करन शेरगिल नाम का एक किरदार होता है, जो अपने जीवन में लक्ष्यहीन है उनके पिता एक व्यापारी है और भाई अमेरिका में रहता है। उनकी प्रेमिका रोमी एक छात्र और रिर्पोटर है। प्रेमिका उन्हें बताती है कि, जीवन में एक लक्ष्य की जरूरत होती है। करन का एक दोस्त भारतीय सेना अकादमी में शामिल होने जाता है। लेकिन, वहां के डिसिप्लीन का पालन नहीं कर पाने के कारण वहां से वापस आ जाता है। इसी बीच रोमी उसके लक्ष्यहीन होने के कारण अपना रिश्ता खत्म कर लेती है। तब करन भारतीय सेना अकादमी में वापस जाता है और वहां की सजा को स्वीकार कर अनुशासित कैडिट नेता बन जाता है। करन एक लक्ष्यहीन व्यक्ति था लेकिन भारतीय सेना अकादमी में शामिल होकर लक्ष्य को चुना और युद्ध में भारत को जीत दिलाकर देशभक्ति का परिचय देता है।
रंग दे बसंती 2006
ये फिल्म एक युवा ब्रिटिश फिल्मकार के इर्द- गिर्द घूमती है, जो भारत की सेना में काम कर चुके अपने दादा की डायरी के साथ भारत आती है, जिसमें क्रांतिकारियों के बारे में लिखा होता है ये इरादा लेकर कि, वो क्रांतिकारियों पर एक फिल्म बनाना चाहती हैं। साथ ही दिल्ली विश्वविद्याय के छात्रों के साथ काम भी करना चाहती है। भारत आकर वह अपनी दोस्त सोनिया से मिलती है और उसे बताती है। तो, सोनिया उसे अपने दोस्तों से मिलाती है, जहां उसकी मुलाकात डीजे, असलम, सुखी, करण इन सबसे होती है और साथ ही साथ सोनिया के मंगेतर अजय से होती है, जो भारतीय वायुसेना में फाईटर प्लेन लड़ाकू विमान उड़ाता है। आगे की कहानी जानने के लिए आपको फिल्म देखनी चाहिए।
चक दे इंडिया 2007
फिल्म चक दे इंडिया महिला हॉकी खिलाड़ियों पर केंद्रित है, जिसका नाम कबीर खान है, जो भारतीय हॉकी टीम के सेंटर फॉरवर्ड होते है और पकिस्तान के विरुद्ध हो रहे विश्व कप में पैनाल्टी शॉट लेते है पर हार जाते है। लेकिन, मीडिया कबीर खान पर फिक्सिंग का आरोप लगाती है और उन्हें भारतीय हॉकी टीम से निकाल दिया जाता है। कबीर के मुस्लिम होने के कारण लोग उसे गद्दार कहकर उसकी देशभक्ति पर प्रश्नचिन्ह लगाने लगते है। काफी समय बाद वह वुमेन हॉकी टीम के कोच बनते है और उन्हें विश्व कप जिताने की कोशिश करते हैं।
राजी 2018
यह कहानी है एक पाकिस्तानी जासूस की है जो कि, असल में भारत का देशभक्त है और पाकिस्तान की तरफ से होने वाले हमले के बारे में भी जानता है। हालात मुश्किल होते जा रहे हैं और ऐसे में वह अपनी बेटी सहमत को अपने पाकिस्तानी दोस्त के घर दुल्हन बना के भेजना चाहता है ताकि वो वहां जासूसी कर के यह बता सकें कि उनके क्या इरादे हैं और वो भारत पर किस तरह हमला करना चाहते हैं। उनकी बेटी सहमत भी इस बात के लिए राजी हो जाती है और वहां जाकर जैसा उसे सिखाया जाता है वैसा करती है।
उरी- द सर्जिकल स्ट्राइक 2019
यह कहानी शुरू होती है एक हमले से जहां इंडिया के 19 सिपाहियों को उनके बेस कैम्प में ही मार दिया जाता है और एक तरफ विक्की कौशल जिसका नाम फिल्म में विहान है। वह इंडियन आर्मी से रिटायर होना चाहता है क्योंकि उसकी मां को उसकी जरुरत होती है। ऐसे में उसके सीनियर ऑफिसर उससे कहते हैं कि, ये देश भी तो तुम्हारी मां है। जिन 19 लोगों की मौत हुई होती है उनके सम्मान में खड़े विहान को आखिर समझ आ ही जाता है और उसे इंडियन आर्मी को नहीं छोड़ना चाहिए। आगे की दिलचस्प कहानी के लिए आपको फिल्म देखनी चाहिए।
Created On :   13 Aug 2021 2:07 PM IST