टेनिस: सुमित नागल ने अलेक्जेंडर बुब्लिक को दी मात, ऑस्ट्रेलियन ओपन के दूसरे दौर में किया प्रवेश, 35 साल में पहली बार हुआ ऐसा
- सुमित नागल ने अलेक्जेंडर बुब्लिक को दी मात
- ऑस्ट्रेलियन ओपन के दूसरे दौर में किया प्रवेश
- रमेश कृष्णन के बाद ऐसा करने वाले पहले खिलाड़ी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय टेनिस प्लेयर सुमित नागल ने दुनिया के 27वें नंबर के खिलाड़ी अलेक्जेंडर बुब्लिक को 6-4, 6-2, 7-6 से हराकर पहली बार ऑस्ट्रेलियन ओपन के दूसरे दौर में प्रवेश किया है। भारत के लिए नागल की यह जीत किसी उपलब्धि से कम नहीं है। क्योंकि किसी ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट में सीडेड खिलाड़ी को हराने वाले रमेश कृष्णन (1989) के बाद वे पहले भारतीय बन गए हैं।
ग्रैंडस्लैम के दूसरे दौर में पहुंचे सुमित
सुमित नागल पहली बार किसी ग्रैंडस्लैम इवेंट के दूसरे दौर में पहुंचे हैं। उन्होंने 2021 में ऑस्ट्रेलियन ओपन के मुख्य ड्रॉ में वाइल्ड कार्ड एंट्री करके जगह बनाई थी, लेकिन पहले ही मुकाबले हारकर वह बाहर हो गए थे। उस दौरान उन्हें शुरुआती दौर में लिथुआनिया के रिकार्डस बेरांकिस ने 2-6, 5-7, 3-6 से हरा दिया था. लेकिन इस बार टूर्नामेंट की शानदार शुरुआत करने के बाद नागल इतिहास लिखने की तरफ देख रहे हैं। मौजूदा टूर्नामेंट में वह क्वॉलिफाइंग राउंड के जरिए मुख्य ड्रॉ में शामिल हुए और उन्होंने 2 घंटे 37 मिनट तक चले अपने पहले मुकाबले में कजाखस्तान के 31वीं सीड के खिलाड़ी को मात दी। सुमित नागल की एटीपी रैंकिंग 137 है। वह गुरुवार को दूसरे दौर में 18 साल के चीन के उभरते खिलाड़ी शांग जुनचेंग (डब्ल्यूसी) से भिड़ेंगे।
रमेश कृष्णन की उपलब्धियां
रमेश कृष्णन ने 1970 के दशक के अंत में एक जूनियर खिलाड़ी के रूप में विंबलडन और फ्रेंच ओपन दोनों का सिंगल टाइटल अपने नाम किया था। उन्होंने 1980 के दशक में तीन ग्रैंडस्लैम क्वॉर्टरफाइनल में जगह बनाई थी। वह विजय अमृतराज की कप्तानी वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थे, जो 1987 में स्वीडन के खिलाफ डेविस कप के फाइनल में पहुंची थी। कृष्णन ने 1989 के ऑस्ट्रेलियन ओपन में उस समय के विश्व नंबर 1 मैट विलेंडर को भी मात दी थी। वह 2007 में भारत के डेविस कप टीम के कप्तान बने थे।