भारत ने पहला 5जी-संचालित, एआई-निर्देशित कोलोनोस्कोपी परीक्षण किया
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भारत ने पहला 5जी-संचालित, एआई-निर्देशित कोलोनोस्कोपी परीक्षण किया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अपोलो हॉस्पिटल्स के साथ भारती एयरटेल ने गुरुवार को घोषणा की कि उन्होंने भारत का पहला 5जी संचालित, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) निर्देशित कोलोनोस्कोपी परीक्षण किया है।
इस ट्रायल में एआई को लागू करके कोलन कैंसर का तेजी से और अधिक सटीकता से पता लगाने के लिए एयरटेल की 5जी तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। इस तकनीक में अति-निम्न विलंबता और उच्च प्रसंस्करण क्षमताएं हैं।
हेल्थनेट ग्लोबल, एडब्ल्यूएस और आवेश अन्य तीन कंपनियां हैं जिन्होंने इस परीक्षण में सहयोग किया। एयरटेल बिजनेस के सीईओ और निदेशक अजय चितकारा ने एक बयान में कहा- हेल्थकेयर 5जी के लिए सबसे आशाजनक उपयोग मामलों में से एक है, और हम अपोलो अस्पताल, एडब्ल्यूएस, हेल्थनेट ग्लोबल और आवेश के साथ सहयोग करके खुश हैं। यह तो बस शुरूआत है, और मुझे विश्वास है कि हम और भी नए उपयोग के मामले लाएंगे जो देश में स्वास्थ्य सेवा को फिर से परिभाषित करने में मदद करेंगे।
कंपनी ने उल्लेख किया कि एआई-असिस्टेड कोलोनोस्कोपी पॉलीप डिटेक्शन ट्रायल से डॉक्टरों को रोगी देखभाल की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिलेगी, और सूचनाओं को सही ढंग से कैप्चर करके और त्रुटियों को कम करके पता लगाने की दरों की सटीकता में सुधार होगा।
अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप की संयुक्त प्रबंध निदेशक संगीता रेड्डी ने एक बयान में कहा- पता लगाने की डॉक्टर की क्षमता को बढ़ाकर, एआई को चिकित्सक की सटीकता में सुधार करने के लिए सिद्ध किया गया है। पॉलीप्स का जल्द पता लगाने और हटाने से उन्हें आसानी से कैंसर होने से बचाया जा सकता है। प्रौद्योगिकी को अपनाने में अपोलो हमेशा अग्रणी रहा है। हमारा रोगी केंद्रित ²ष्टिकोण हमें प्रौद्योगिकियों के ²ष्टिकोण पर रखता है जो परिणामों को बेहतर बना सकते हैं।
5जी, एज कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से उचित और समय पर निदान में मदद मिल सकती है, जिससे रोगी के परिणामों में सुधार हो सकता है।
(आईएएनएस)
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