फेसबुक हिंदी, बांग्ला क्लासिफायर के अभाव में भारत संबंधी नफरत वाली सामग्री हटा न पाया

शिकायत फेसबुक हिंदी, बांग्ला क्लासिफायर के अभाव में भारत संबंधी नफरत वाली सामग्री हटा न पाया

Bhaskar Hindi
Update: 2021-10-07 15:30 GMT
फेसबुक हिंदी, बांग्ला क्लासिफायर के अभाव में भारत संबंधी नफरत वाली सामग्री हटा न पाया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में अपने विषाक्त और विभाजनकारी कलन विधि (एल्गोरिदम) के खिलाफ एक व्हिसलब्लोअर के गंभीर आरोपों से त्रस्त फेसबुक ने कथित तौर पर हिंदी और बांग्ला क्लासिफायर की कमी के कारण भारत से संबंधित भय-भड़काऊ और घृणास्पद सामग्री पर कार्रवाई नहीं की। यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) के पास दायर फेसबुक व्हिसलब्लोअर फ्रांसेस हौगेन की शिकायत के अनुसार, आरएसएस उपयोगकर्ता, समूह और पेज वी एंड आई (हिंसा और उकसाने) के इरादे से हिंदू-समर्थक आबादी को लक्षित, मुस्लिम विरोधी कथन को बढ़ावा देते हैं।

दस्तावेजों में से एक एडवर्सेरियल हार्मफुल नेटवर्क्‍स - इंडिया केस स्टडी में उद्धृत रिपोर्ट के लेखक के हवाले से कहा गया है और हमने अभी तक राजनीतिक संवेदनशीलता को देखते हुए इस समूह के पदनाम के लिए नामांकन नहीं किया है। हौगेन की शिकायत में आरोप लगाया गया है कि फेसबुक के आंतरिक रिकॉर्ड से पता चलता है कि ऐसी हानिकारक सामग्री को हटाने के लिए हिंदी और बांग्ला क्लासिफायर की कमी की समस्या थी।

क्लासिफायर स्वचालित सिस्टम और एल्गोरिदम हैं, जिन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामग्री में अभद्र भाषा का पता लगाने के लिए डिजाइन किया गया है। शिकायत में कहा गया है, मुसलमानों पर कई अमानवीय पोस्ट थे, लेकिन हिंदी और बांग्ला क्लासिफायर की कमी के कारण ऐसी सामग्री में से अधिकांश को कभी भी फ्लैग या एक्शन नहीं किया गया है और हमने राजनीतिक संवेदनशीलता को देखते हुए अभी तक इस समूह (आरएसएस) के पदनाम के लिए नामांकन नहीं किया है।

अपने पूर्व नियोक्ता पर किचन सिंक फेंकने के बाद हौगेन ने सरल घर्षण पर एक अंदरूनी दृश्य प्रस्तुत किया है जो दुनिया के सबसे बड़े सोशल नेटवर्किं ग प्लेटफॉर्म फेसबुक के विषाक्त और विभाजनकारी एल्गोरिदम को शांत कर देगा जो किशोर और कमजोर आबादी को चला रहे हैं। तीसरे पक्ष के आंकड़ों के अनुसार, भारत सोशल नेटवर्क के लिए सबसे बड़े बाजारों में से एक है, जिसमें फेसबुक और व्हाट्सएप के लिए 40 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं।

भाजपा और आरएसएस दोनों ने अभी तक शिकायत पर कोई टिप्पणी नहीं की है। अतीत में, फेसबुक को भारत में घृणा सामग्री के खिलाफ निष्क्रियता के कई आरोपों का सामना करना पड़ा है। इस साल जनवरी में सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति ने फेसबुक और ट्विटर के अधिकारियों को सोशल मीडिया या ऑनलाइन समाचार प्लेटफार्मो के दुरुपयोग पर सवाल करने के लिए समन जारी किया था। समिति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर राजनीतिक पूर्वाग्रह के मुद्दे पर फेसबुक के भारत प्रमुख अजीत मोहन से भी पूछताछ की है।

आईएएनएस

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