जिप उपचुनाव : ‘चूहा बैठकों’ का दौर , कल चुनाव
राजनीति जिप उपचुनाव : ‘चूहा बैठकों’ का दौर , कल चुनाव
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद व पंचायत समिति के उपचुनाव के लिए प्रचार थम गया। मंगलवार 5 अक्टूबर को मतदान होगा। इस बीच ‘चूहा बैठकों’ का दौर शुरू हो गया है। संबंधित चुनाव क्षेत्र में राजनीतिक कार्यकर्ता अपने-अपने तरीके से मतदाताओं से संपर्क कर रहे हैं। भीतरखाने में प्रचार कार्य के लिए कांग्रेस व भाजपा जैसे प्रमुख दलों ने नागपुर शहर से कुछ पदाधिकारियों को विशेष जिम्मेदारी के साथ काम पर लगाया है। पूरे चुनाव प्रचार के दौरान खास बात यह रही कि किसी भी दल की ओर से प्रभावी तरीके से प्रचार नहीं किया गया। फिलहाल जिप की सत्ता की कमान कांग्रेस संभाल रही है।
कांग्रेस की ओर से पशु संवर्धन मंत्री सुनील केदार प्रचार के लिए चुनाव रणनीति व प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालते रहे हैं। भाजपा ने पूर्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले को यह जिम्मेदारी सौंपी। इन दो नेताओं के अलावा कोई में बड़ा नेता इन चुनावों में नजर नहीं आया। आरंभ में कहा जा रहा था कि ओबीसी आरक्षण रद्द होने के कारण हो रहे इस चुनाव में राज्य व राष्ट्रीय स्तर के कुछ प्रमुख ओबीसी नेताओं को बुलाया जा सकता है, लेकिन ऐसा कुछ भी नजर नहीं आया।
बेमन की भागीदारी : कुछ संगठनों की चुनाव में बेमन की भागीदारी देखी गई है। बहुजनवादी संगठनों ने एक या दो सीट छोड़कर कहीं भी उपस्थिति तक दर्ज नहीं कराई। बसपा ने तो पहले ही इस उपचुनाव से स्वयं को बाहर कर लिया है।
सीटों की स्थिति : जिप की 16 व पंचायत समिति की 31 सीटों के लिए उपचुनाव हो रहा है। जिप की इन 16 में से 7 सीटें कांग्रेस, 4 भाजपा, 4 राकांपा व 1 सीट शेकाप की है। इस बार कांग्रेस व राकांपा साथ है, लेकिन शिवसेना महाविकास आघाड़ी में शामिल नहीं हो पाई है। गठबंधन के तहत कांग्रेस 10, राकांपा 5 व शेकाप 1 सीट पर चुनाव लड़ रही है। शिवसेना ने सभी 16 सीटों पर उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। भाजपा भी सभी सीटों पर लड़ रही है।
खास रुचि नहीं : प्रचार कार्य के लिहाज से देखा जाए तो शिवसेना जैसे दल भी अधिक रुचि लेते नहीं दिखे। भाजपा ने शहर के एेसे पदाधिकारियों को काम पर लगाया है, जिनका संबंध ग्रामीण क्षेत्र की राजनीति से भी रहा है। भाजपा की ओर से विधायक समीर मेघे, परिणय फुके, टेकचंद सावरकर, प्रवीण दटके ने प्रचार किया।
3 हजार कर्मचारी : जिप व पंस के इस उपचुनाव में मतदान कार्य के लिए 1115 मतदान केंद्र तय किए गए हैं। इनमें से 863 ग्रामीण व 252 मतदान केंद्र शहर सीमा के पास हैं। मतदान केंद्र पर एक केंद्र अध्यक्ष व 3 अधिकारी रहेंगे। करीब 3 हजार से अधिक कर्मचारियों को इस कार्य के लिए काम पर लगाया गया है। 1200 से अधिक पुलिस कर्मचारी मतदान केंद्र पर लगेंगे।
6 लाख से अधिक मतदाता : इस उपचुनाव में 6 लाख 16 हजार 16 मतदाता हैं। इनमें 2 लाख 96 हजार 721 महिला व 3 लाख 19 हजार 292 पुरुष मतदाता हैं। 1115 कंट्रोल यूनिट व 1115 बैलट यूनिट तैयार रहेंगे। इनके अलावा कुछ कंट्रोल व बैलेट यूनिट आरक्षण रखे जाएंगे।