सर्द हवाओं में सिकुड़ रही धमनियां, हृदय रोगियों की बढ़ी तकलीफ
ठंड का कहर सर्द हवाओं में सिकुड़ रही धमनियां, हृदय रोगियों की बढ़ी तकलीफ
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। सर्द हवाओं के साथ बढ़ी ठंड में शरीर की धमनियां सिकुडऩे जैसी समस्याएं सामने आती है। जिसकी वजह से हृदय तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन युक्त ब्लड नहीं पहुंच पाता। हृदय में पर्याप्त मात्रा में ब्लड न पहुंचने और धमनियों के सिकुडऩे से अटैक की संभावनाएं बढ़ जाती है। ठंड बढऩे के साथ मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल में हार्ट के मरीजों की संख्या बढ़ी है। इन दिनों पांच से छह मरीज हृदय संबंधी समस्याएं लेकर अस्पताल पहुंच रहे है।
मेडिकल स्पेशलिस्ट डॉ. दिनेश ठाकुर के मुताबिक ठंड हेल्थी सीजन है, लेकिन मामूली सी लापरवाही हार्ट, लकवे, शुगर और बीपी के मरीजों के लिए समस्या बन सकती है। हार्ट की धमनियां सिकुडऩे से हार्ट अटैक और ब्रेन की धमनियां सिकुडऩे से लकवे की संभावना अधिक होती है। बुजुर्ग और पहले से गंभीर बीमारियों से पीडि़त मरीजों को ठंड में विशेष सावधानी रखनी चाहिए।
इन दवाओं से राहत की संभावना
मेडिकल स्पेशलिस्ट डॉ. दिनेश ठाकुर के मुताबिक अक्सर तडक़े तीन से छह बजे के बीच अटैक आने की संभावना होती है। अटैक के लक्षण दिखाई दे जैसे तेज चेस्टपेन और सांस फूलने जैसी दिक्कतें आती है तो मरीज को इकोस्प्रिन ३२५ मिलीग्राम पानी में घोलकर या चबाकर खाने के लिए दें। इसके अलावा सॉर्बिट्रेट ५ मिलीग्राम टेबलेट जीभ के नीचे रखें। घर में बुजुर्ग और हार्ट पेशेंट होने पर परिजन इन दवाओं को घर पर रख सकते हैं। हार्ट की तकलीफ होने पर इन दवाओं से कुछ हद तक राहत की संभावना होती है। ऐसे मरीजों को तत्काल अस्पताल शिफ्ट कराना आवश्यक है।
अस्थमा के मरीजों की बढ़ी संख्या
विशेषज्ञ चिकित्सकों के मुताबिक ठंड में हार्ट के साथ अस्थमा के मरीजों में इजाफा हुआ है। धूम्रपान करने वाले शख्स और ग्रामीण इलाकों में चूल्हे के धुएं के सम्पर्क में रहने वाली महिलाओं को अस्थमा के अटैक की समस्याएं आती है। अस्थमा पीडि़त मरीजों के घरों में नमी या सीडऩ नहीं होनी चाहिए और कमरे हवादार होने चाहिए।
यह रखें सावधानी
- हृदय रोगी धूम्रपान न करें।
- रोजाना हल्का व्यायाम करें।
- ताजा और हेल्दी भोजन करें।
- बीपी शुगर के पेशेंट दवाएं बंद न करें।
- बुजुर्ग अपना बीपी-शुगर नियमित जांच कराएं।
- हृदय रोगी मरीज घर पर भी गर्म कपड़े पहनकर रहे।
- हृदय रोगी ठंड में अचानक बिस्तर से बाहर न आए।
- सुबह सबेरे घूमने न निकले, हल्की धूप में घर से निकले।
- चिकित्सक की सलाह से ब्लड पतला करने की दवा ले सकते हैं।