परिवार नियोजन शल्यक्रिया में महिलाएं आगे

गड़चिरोली परिवार नियोजन शल्यक्रिया में महिलाएं आगे

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-03 09:35 GMT
परिवार नियोजन शल्यक्रिया में महिलाएं आगे

डिजिटल डेस्क,गड़चिरोली । जनसंख्या स्थिरीकरण के साथ मातृ, शिशु और बालमृत्यु दर एवं रोग दर कम करने के मुख्य उद्देश्य को लेकर केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम आरंभ किया है। इस कार्यक्रम के तहत आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले में पिछले तीन वर्ष में 13 हजार 871 शल्यक्रिया करायी गयी। हर क्षेत्र की तरह इस शल्यक्रिया में भी महिलाएं आगे रही हंै। वर्ष 2021 से मार्च 2023 तक जिले की कुल 8 हजार 264 महिलाओं ने परिवार नियोजन शल्यक्रिया करायी। वहीं महिलाओं के मुकाबले केवल 5 हजार 607 पुरुषों ने ही अपनी नसबंदी करवायी। हालांकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीण और शहरी इलाकों में परिवार नियोजन के संबंध में लगातार जनजागृति की जा रही है। बावजूद इसके शल्यक्रिया प्रक्रिया में पुरुषों का प्रमाण बढ़ नहीं पा रहा है। 

बता दें कि, हर वर्ष स्वास्थ्य विभाग को परिवार नियोजन शल्यक्रिया का लक्ष्य दिया जाता है। इस वर्ष जिले में 6 हजार 577 शल्यक्रिया प्रस्तावित की गयी है। जिनमें से मार्च माह तक 4 हजार 352 शल्यक्रिया पूर्ण की जा चुकी है। इसमें भी महिलाओं का प्रमाण अधिक पाया गया है। शुरू वित्तीय वर्ष मंे अब तक 2 हजार 615 महिलाओं समेत 1 हजार 737 पुरुषों ने परिवार नियोजन की शल्यक्रिया की है। पिछले 10 वर्षों में गड़चिरोली के स्वास्थ्य विभाग ने केवल एक ही बार वर्ष 2016-17 में 100 प्रतिशत शल्यक्रिया पूर्ण करने का रिकाॅर्ड बनाया। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2014-15 में 97 प्रतिशत, 2015-16 में 99 प्रश, 2017-18 में 98 प्रतिशत, 2018-19 में 77 प्रश., 2019-20 में 82 प्रश., 2020-21 में 63 प्रश. और वर्ष 2021-22 में 63 प्रतिशत शल्यक्रिया पूर्ण की गयी है। 

पिछले 2 वर्षों में काेरोना का संक्रमण बढ़ने के कारण यह शल्यक्रिया अधिक मात्रा में नहीं हो पायी थी। जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला अस्पताल, जिला महिला व बाल अस्पताल, जिले के उपजिला अस्पताल, ग्रामीण अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में परिवार नियोजन की शल्यक्रिया करायी जाती है। शिविरों का आयोजन भी किया जाता है। एकसाथ 10 से 15 मरीजों की नसबंदी करायी जाती है। विभाग द्वारा अपने लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए जिले में लगातार जनजागृति जा रही है। लेकिन इसमें पुरुषों के नसबंदी का प्रमाण बढ़ नहीं पा रहा है।

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