महिला को सांप ने डंसा, परिजनों ने झाडफूंक में गंवाया समय, मौत
अंधविश्वास ने ले ली जान महिला को सांप ने डंसा, परिजनों ने झाडफूंक में गंवाया समय, मौत
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। चांद थाना क्षेत्र की एक महिला को गुरुवार दोपहर सांप ने डंस लिया। सर्पदंश पीडि़ता को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाने की बजाए परिजन झाडफ़ूंक कराते रहे। तंत्र-मंत्र के बाद भी जब महिला को आराम नहीं लगा तब परिजन उसे बेसुध हालत में जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। लगभग दो घंटे तक झाडफ़ूंक कराने की बजाए परिजन महिला को सीधे अस्पताल ले आते तो शायद महिला की जान बचाई जा सकती थी।
अस्पताल चौकी पुलिस ने बताया कि ५५ वर्षीय सर्पदंश पीडि़ता को दोपहर लगभग २ बजे जिला अस्पताल लाया गया। जांच के बाद चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। महिला को लगभग १२.३० बजे सांप ने डंसा था। जिला अस्पताल लाने से पहले परिजनों ने महिला को झाडफ़ूंक करने वाले भुमका के पास ले गए। इसके बाद भी आराम न लगने पर महिला को जिला अस्पताल लाया गया। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है।
समय पर मिले इलाज तो बच सकती है जान- विशेषज्ञ चिकित्सक
जिला अस्पताल के एमडी मेडिसिन डॉ. दिनेश ठाकुर का कहना है कि ९० प्रतिशत सांप जहरीले नहीं होते। सर्पदंश होने पर घबराए नहीं, मरीज को जल्द से जल्द अस्पताल लेकर पहुंचे। मरीज को एक घंटे के भीतर एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन लगना जरुरी है। समय पर मिले इलाज से मरीज की जान बचाई जा सकती है। झाडफ़ूंक पर भरोसा न करें।
अस्पताल में तीन सौ से अधिक इंजेक्शन उपलब्ध
जिला अस्पताल में तीन सौ से अधिक एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन उपलब्ध है। जनवरी से अभी तक लगभग २५०० इंजेक्शन बुलाए जा चुके है। एक पेशेंट को सांप के जहर के हिसाब से एंटी स्नेक वेनम दिया जाता है। जिला अस्पताल में औसतन एक सप्ताह में तीन से पांच सर्पदंश पीडि़त मरीज भर्ती हो रहे है।
जनवरी से अब तक बीस ने गंवाई जान
जनवरी से अभी तक जिला अस्पताल में सर्पदंश पीडि़त मरीजों में से बीस लोग अपनी जान गंवा चुके है। इनमें से अधिकांश मरीज की समय पर इलाज न मिलने से जान गई है। चिकित्सकों का कहना है कि झाडफूंक के चलते देरी होने से मरीज की जान बचाना मुश्किल हो जाता है।