पुलिस ने गाड़ी पकड़ी तो, चालक की हत्या कर कैब ले उड़े अपराधी
गोलटगांव हत्या प्रकरण के 3 आरोपी गिरफ्तार पुलिस ने गाड़ी पकड़ी तो, चालक की हत्या कर कैब ले उड़े अपराधी
डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद । करमाड़ के समीप गोलटगांव में हुई युवक की हत्या का राज उजागर करने में ग्रामीण पुलिस सफल रही है। लूटपाट के अपराध में पुलिस के कार जब्त करने से जमानत पर रिहा शातिर अपराधी ने हूबहू दूसरा वाहन बुक किया। उसके चालक की निर्मम हत्या कर वे चार पहिया वाहन उड़ा ले गए। प्रकरण में पुलिस ने आरोपियों विशाल राजेंद्र मिश्रा (कादरी नगर, तह. औसा, जि. लातूर), शिवाजी दत्तू बनसोड़े (कबीर नगर, तह. औसा, जि. लातूर), सुदर्शन जनकनाथ चव्हाण (उजनी, तह. औसा, जि. लातूर) को गिरफ्तार कर उनसे वाहन, मोबाइल के साथ 1,100 रु जब्त किए।
ऐसे दिया नृशंस हत्या को अंजाम
पुलिस अधीक्षक निमित गाेयल ने बताया कि हत्या प्रकरण का मुख्य सूत्रधार विशाल मिश्रा रिकॉर्ड पर दर्ज अपराधी है। वह पुणे में ओला कैब चलाता था, लेकिन उसकी कैब उस्मानाबाद जिले की नलदुर्ग पुलिस ने लूटपाट के अपराध में जब्त कर ली। इस कारण उसने गांव के ही मित्र सुदर्शन आैर शिवाजी के साथ मिलकर जब्त वाहन जैसा दिखने वाला दूसरा वाहन ले जाने का षड्यंत्र रचा। इसके बाद तीनों योजना बनाकर नागपुर गए और वहां से जालना जाने के लिए एक एसेंट गाड़ी किराए पर ली। रास्ते में 11 से 12 बजे के दौरान अंधेरे में तीनों आरोपियों ने लघुशंका के लिए वाहन रोकने के लिए चालक विशाल रामटेके को कहा। वाहन लेकर फरार होने के लिए तीनों ने रामटेके की पिटाई की। उसने प्रतिकार किया तो आरोपियों ने रामटेके की आंख में मिर्च पाउडर डालकर नायलॉन रस्सी से उसका गला घोंट दिया। इतने पर भी वह नहीं रुके और लोहे की पट्टी से उसके पेट पर वार किया। रामटेके की मौत होने की पुष्टि कर तीनों अारोपियों ने शव को वाहन में डाला और जालना से आगे औरंगाबाद रास्ता स्थित गोलटगांव फाटा से गोलटगांव की ओर जानेवाले गुट क्र. २६० की झाड़ियों में फेंक दिया।
और इस तरह फंस गए जाल में
खून से लथपथ शव मिलने पर पुलिस ने शोधपत्रक जारी किया था। उसके आधार पर मृतक के भाई ने शव की शिनाख्त की। मृतक के कैब चालक होने की बात पता चलने पर पुलिस ने 28 से 30 दिसंबर के दौरान कैब बुकिंग का रिकार्ड जांचा तो नागपुर से जालना की बुकिंग होने की बात स्पष्ट हुई। जांच के दौरान तीन संदिग्धों के नाम सामने आने पर पुलिस ने औसा तहसील से शिवाजी को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने सुदर्शन व विशाल के साथ अपराध करने की बात स्वीकार की और बताया कि दोनों आरोपी पुणे में किराए के मकान में छिपे हैं। संबंधित जगह पर पुलिस ने छापा मारा, लेकिन आरोपियों ने कमरा बदल लिया था। लेकिन, पुलिस ने उनके नए कमरे का पता लगाकर उनको पुणे से गिरफ्तार किया।
कैब चोरी कर पुणे में करना था धंधा
विशाल मिश्रा के नाम पर कई अपराध दर्ज हैं। उसका चार पहिया वाहन पुलिस के जब्त करने पर वैसा ही वाहन चोरी कर उस पर जब्त वाहन का नंबर डालकर विशाल को पुणे में व्यवसाय करना था। इसके लिए उसने यह षड्यंत्र रचा था।