दावानल से बहुमूल्य वनस्पतियां हो रहीं खाक
गड़चिरोली दावानल से बहुमूल्य वनस्पतियां हो रहीं खाक
डिजिटल डेस्क, धानोरा(गड़चिरोली)। धानोरा तहसील मुख्यालय से 7 किमी. दूरी पर स्थित फुलकोडो जंगल में पिछले दो दिनों से आग लगी है। जंगल की वनस्पति को क्षति पहुंच रही है। वनविभाग तत्काल उपाययोजना करने की मांग परिसर के नागरकों ने की है। मुरुमगांव-मालेवाडा मार्ग पर स्थित फुलकोडो गांव के जंगल में आग लग गई। आग धीरे-धीरे जंगल में फैल गयी। वनसंपदा समेत वनस्पति को क्षति पहुंची है। वनविभाग द्वारा दावानल की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिये विशेष उपाययोजना कर रहा है। साथ ही 37 पथकों का गठन कर लोगां में जनजागृति की जा रही है। बावजूद इसके जिले के दुर्गम और अतिदुर्गम क्षेत्र में दावानल की घटनाओं का सिलसिला जारी है। जिससे वनसंपदा को क्षति पहुंच रही है।
दावानल को रोकने 37 दस्ते तैनात
प्रतिवर्ष ग्रीष्मकाल के दिनों में जिले के जंगल में आग लगने की घटनाएं घटती है। इस आगजनी में मूल्यवान वनसंपदा नष्ट होने के साथ ही जंगली जीवों के आशियाने उजड़ने और जंगली जीवों की मृत्यु होने की घटनाएं घटती है। ऐसे में दावानल की घटनाओं को रोकने के लिए प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी वनविभाग द्वारा विशेष उपाययोजना की जा रही है। विशेषत: दावानल की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए गड़चिरोली वनविभाग अंतर्गत आने वाले 5 वनविभाग में करीब 37 पथक का गठन किया गया है। जिसमें वनाधिकारी और कर्मचारियों का समावेश है।
यह पथक जंगल में दावानल की घटनाएं रोकने समेत जंगल में आग न लगाए इसके लिए ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्र के लोगों में जनजागृति कर रहे है। बता दें कि, गड़चिरोली जिले में करीब 78 फीसदी जंगल है। जिले के जंगल में मुल्यवान सागौन पेड़ समेत मूल्यवान वनस्पति भी है। लेकिन लोगों द्वारा जंगल में लगाई जाने वाली आग के कारण यह मूल्यवान वनसंपदा नष्ट होती है। जिससे वनविभाग ने लोगों में जनजागृति कने का प्रयास शुरू कर दिया है। वहीं प्रत्येक वनपरिक्षेत्र अंतर्गत प्रत्येकी एक पथक का गठन किया गया है। दावानल की घटनाओं पर अंकुश लगाने का प्रयास किया जा रहा है।