टीवी, पंखा न फ्रिज, 1 लाख से ज्यादा का बिल देख उड़े होश
चंद्रपुर टीवी, पंखा न फ्रिज, 1 लाख से ज्यादा का बिल देख उड़े होश
डिजिटल डेस्क, जिवती (चंद्रपुर)। जिवती तहसील में महावितरण कंपनी के लचर व लापरवाह कार्यप्रणाली के कारण ग्रामीण त्रस्त हो गए हैं। पिछले 7-8 माह से बिजली ग्राहकों को गलत रीडिंग, बढ़ोतरी स्वरूप का बिजली बिल जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। तहसील के अनेक ग्राहकों को बड़े पैमाने पर बिल भेजा जा रहा है। इस कारण ग्राहकों में भारी रोष है। जिवती में अनेक ग्राहकों को महावितरण कंपनी ने बड़े पैमाने पर बिजली बिल भेजे हैं। एेसे में एक गरीब किसान जिसके घर में न तो टीवी है, न पंखा है, न कूलर,न फ्रिज अथवा अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का उपयोग भी नहीं किया जाता। फिर भी एक माह का बिजली िबल 1 लाख 380 रुपए भेजा गया है। यह बिल देखकर तो किसान के पैरों तले जमीन ही खिसक गई। तहसील के जिवती निवासी किसान केशवराव भिमू कोटनाके को एक माह का 1 लाख 380 रुपए बिल आया है। इतना बिल देखकर उन्हें झटका ही लगा।
जब वे महावितरण के कार्यालय पहुंचे तो अधिकारी ने 44 हजार 290 रुपए बिल करके दिया। बावजूद इतना बिल भरे कैसे? ऐसा सवाल अब कोटनाके के सामने निर्माण हो गया है। कोटनाके का छोटा घर है। बिजली का उपयोग काफी कम है, ऐसे में इतना बिल कैसे आया है? ऐसा सवाल पूछा जा रहा है। इस किसान के पास न तो टीवी है, न पंखा और न कूलर अथवा अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का उपयोग नहीं करते। घर में सिर्फ दो बल्ब लगाए गए हैं। फिर भी इतना बिल भरने का संकट किसान परिवार पर आ गया है। गलत रीडिंग लेना, मीटर का रीडिंग न लेना, मीटर बंद दिखाकर अंदाजन बिजली बिल भेजकर नागरिकों को परेशान करने का प्रयास किया जा रहा है। अनेक परिवार को 40, 70 व लाख रुपए तक बिल आया है। उनकी साल की कमाई भी उतनी नहीं है, ऐसे में इतना बिल कैसे भरे, ऐसा गंभीर सवाल उनके सामने है। वहीं बिल भरने के लिए बिजली कर्मचारियों द्वारा हमेशा परेशान किया जा रहा है। बिल न भरने पर कनेक्शन काटा जाता है, जिससे उन्हें अंधेरे में रहना पड़ता है। महावितरण कार्यालय अपनी गलती छुपाने के लिए अलग-अलग कारण बताते हैं। नागरिक कार्यालय में पहुंचने पर कुछ राशि कम कराकर देकर पैसे भरने लगाते हैं। नहीं भरने पर बिजली कट होती है, यह सिलसिला तहसील में चल रहा है। कार्यालय में संपर्क करने पर हमेशा एक ही कारण बताकर टालमटोल जवाब दिए जाते हंै।
मीटर चेक कर ही दिए जा रहे बिल
पुराने रीडिंग के तहत बिल निकाला जाता है। नियमित रूप से बिल नहीं भरने पर अनेक बिलों में पुराने रीडिंग के तहत बिल बढ़कर आ रहे हैं। अब हम रेग्युलर मीटर चेक करके रीडिंग बिल दे रहे हंै। - नीतेश ढोकने, उपअभियंता, जिवती