महुआ बीन रहे युवक पर बाघ का हमला, संघर्ष में बाघ के मुंह में पत्थर ठूंसकर बचाई जान
छिंदवाड़ा महुआ बीन रहे युवक पर बाघ का हमला, संघर्ष में बाघ के मुंह में पत्थर ठूंसकर बचाई जान
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। जंगल में बाघ के हमले से युवक घायल हो गया है। मामला दक्षिण वनमंडल के बिछुआ रेंज अंतर्गत बोरिया बीट का है जहां गुरूवार दोपहर महुआ बीनने गए बोरिया निवासी सुनील धोतरे पर बाघ ने हमला कर दिया। इस दौरान युवक और बाघ के बीच संघर्ष भी हुआ। इस दौरान बचने के लिए युवक ने बाघ के मुंह में पत्थर ठूंसकर अपनी जान बचाई। इस हमले में युवक के गाल और हाथों में गंभीर चोट आई है। जिला चिकित्सालय में उसका इलाज चल रहा है।
घटना गुरूवार दोपहर तकरीबन १२ बजे के आसपास की है। घायल सुनील, पत्नी सरला और अन्य के साथ महुआ बीनने बोरिया से लगे जंगल गया हुआ था। इस दौरान वह पास के एक नाले में पानी पीने पहुंचा और पास ही लकडिय़ां बीनने लगा था। इस बीच बाघ ने उसके गाल पर हमला कर दिया। युवक और बाघ के बीच संघर्ष की स्थिति बनी, जहां युवक ने बाघ के मुंह पर पत्थर ठूंसकर और आसपास खड़े लोगों के हल्ला मचाने के बाद जैसे-तैसे अपनी जान बचाई। फिलहाल सुनील का जिला चिकित्सालय का इलाज चल रहा है।
मेरे ऊपर बाघ था..मैंने मुंह में पत्थर भर दिया
मैं बिछुआ खमारपानी से लगे बोरिया गांव के पास रहता हूं। बिछुआ से तकरीबन २५ किमी दूर जंगल में हम महुआ बीनने गए थे। जहां मुझे प्यास लगी और पास के ही नाले में पानी पीने चला गया। यहीं आसपास लकड़ी पड़ी हुई थी जिसे मैं बीन रहा था। अचानक बाघ ने मुझ पर हमला कर दिया। पहले उसने मेरे गाल और गर्दन में पंजा मारा। जिससे मैं गिर गया। मैं कुछ समझ पाता बाघ मेरे ऊपर आ गया, मेरे हाथ में पत्थर आया जिसे बाघ के मुंह में भर दिया। आसपास खड़े लोग हल्ला करने लगे जिसके बाद बाघ भाग गया। इस पूरे संघर्ष में मेरे हाथ में दांतों के निशान लगे है।
(जैसा की घायल सुनील घोतरे और सरला घोतरे ने बताया )
वनरक्षक इलाज कराने लेकर पहुंचा
वनरक्षक सुरेन्द्र सिंह जाटव ने घायल सुनील घोतरे को जिला चिकित्सालय में ले जाकर भर्ती कराया। वनरक्षक श्री जाटव ने बताया कि हमारी प्राथमिकता घायल के इलाज की थी जिसे जिला चिकित्सालय लेकर आए है इसके बाद घटना स्थल पर पहुंचेंगे। वन्यप्राणी बाघ है या फिर कुछ और अभी कुछ नहीं कहा जा सकता, जांच के बाद ही पता चल सकेगा।
इनका कहना है
- घायल को जो निशान दिख रहे हैं, उससे बाघ का हमला लग रहा है। हमारी प्राथमिकता घायल के इलाज की है जिसमें हमारा स्टॉफ लगा हुआ है। क्षेत्र में गश्ती बढ़ा दी है।
- एल.के. वासनिक, डीएफओ, पश्चिम वनमंडल